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ऊर्जा क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र की भूमिका पर विद्युत कल्याण संयुक्त समिति उ०प्र० की सुधार संगोष्ठी:निजीकरण लोकहित एवं प्रदेश हित में कदापि नही उचित

लखनऊ/वाराणसी 8 फरवरी: विद्युत व्यवस्था सुधार संगोष्ठी कार्यक्रम”
दो दिवसीय आयोजित निर्धारित सुधार संगोष्ठी कार्यक्रम के तहत विद्युत कल्याण संयुक्त समिति उप्र द्वारा संघ भवन डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लोक निर्माण विभाग लखनऊ पर आज प्रथम दिवस की संगोष्ठी कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
*निजी कंसलटेंट के माध्यम से धन के बंदरबांट कर सरकार के जीरो टॉलरेंस की नीति को प्रभावित करने के कारण ऊर्जा क्षेत्र घाटे का प्रमुख कारण है*
कार्यक्रम में संयोजक इन एस०सी० सिंह ने उदघाटन सत्र मे *मुख्य अतिथि माननीय श्री कुँवर मानवेन्द्र सिंह अध्यक्ष उप्र विधान परिषद)* के समक्ष ऊर्जा क्षेत्र को सार्वजनिक क्षेत्र में बनाए रखकर सुधार की अपार संभावनाओं पर प्रस्तावना संबोधन रखते हुए बताया कि ऊर्जा क्षेत्र में सुधार के नाम पर उधार फिर उधार के पैसे को शीर्ष ऊर्जा प्रबंधन द्वारा बिजली खरीद से लेकर वितरण प्रणाली इत्यादि मदो विभिन्न निजी कंसलटेंट के माध्यम से धन के बंदरबांट कर सरकार के जीरो टॉलरेंस की नीति को प्रभावित करने के कारण ऊर्जा क्षेत्र घाटे का प्रमुख कारण है।
प्रबंधन आंकड़ेबाजी से सरकार को कर रहा भ्रमित

शीर्ष प्रबंधन प्रबंधकीय दोष पर पर्दा डालने की मंशा से सरकार को भ्रामक सूचनाओं एवं तथ्यों के आधार गलत आंकड़ेबाजी कर ऊर्जा क्षेत्र का निजीकरण करना चाहती है जो कि लोकहित एवं प्रदेश के उपभोक्ताओं के हित कदापि उचित नही है।
कार्यकम की अध्यक्षता करते हुए *उप्र संयुक्त कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष इं हरिकसिशोर तिवारी जी* ने कहा कि सरकार में बैठे कुछ ब्यूरोक्रेटस सरकार को गुमराह करके सेवा संघों एवं सरकार के मध्य संवाद स्थापना न होने देने के हरसंभव प्रयास के कारण ही माननीय मुख्यमंत्री जी तक ऊर्जा क्षेत्र के धरातल की वास्तविक स्थितियां एवं ऊर्जा क्षेत्र का निजीकरण होने पर आमजन की होने वाली कठिनाइयों को जानकारी नही लाने दे रहे है जो कि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
संगोष्ठी में *राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन उप्र के पूर्व केन्द्रीय अध्यक्ष इं जय प्रकाश* ने बताया कि ऊर्जा के क्षेत्र में जिन भी प्रदेशों अथवा शहरों जैसे उड़ीसा, बिहार के भागलपुर दरभंगा, महाराष्ट्र में जलगांव औरंगाबाद,मध्यप्रदेश में उज्जैन में ऊर्जा का निजीकरण प्रयोग किए वे प्रयोग बुरी तरह विफल रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि उप्र पावर कारपोरेशन सुधार पर चर्चा अथवा कार्य करने के बजाय कार्पोरेशन आंकड़ों को तोड़ मरोड़ कर तथ्यों से परे आकंड़े सरकार के समक्ष प्रस्तुत कर पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण किए जाने का प्रयास न सिर्फ विद्युत कार्मिकों के साथ धोखा है अपितु विद्युत उपभोक्ताओं के हितों एवं प्रदेश के विकास के साथ भी खिलवाड़ होने की संभावना इनकार नहीं किया जा सकता।
इस अवसर पर अन्य प्रमुख वक्ताओं में इ.आर के त्रिवेदी राष्ट्रीय अध्यक्ष AIFOPDE एवं केन्द्रीय संरक्षक* राविप.जूनियर इंजीनियर्स संगठन उप्र ने कहा कि घाटे के नाम पर निजीकरण सिर्फ एक बहाना है जबकि हाल ही चंडीगढ़ जो कि अत्यंत मुनाफे का सार्वजनिक क्षेत्र का विद्युत निगम था को जबरिया निजी हाथों के सौंपे जाना दर्शाता है कि निजीकरण सिर्फ व सिर्फ कुछ चंद निजी पूंजीपति घरानों को लाभ पहुंचाकर राष्ट्रीय संपत्तियों को औने पौने दामों बेचे जाने के प्रयास से देश भर बिजलीकर्मियों एवं विद्युत उपभोक्ताओं के। व्यापक रोष है जिसे देखते हुए सरकार को निजीकरण के फैसले को वापस पर पुनर्विचार करना जनहित में उचित होगा।
* बी.के.शर्मा * ने कहा कि भ्रष्टाचार के नींव पर निजीकरण किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण इसे लोकहित मे सबको संयुक्त रूप संकल्प लेकर सुधार की दिशा में कार्य करना होगा।
भारतीय मजदूर संघ के पूर्ण राष्ट्रीय नेता श्री सर्वेश द्विवेदी  ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में निजीकरण किया जाना न सिर्फ उपभोक्ताओं के छलावा है अपितु यह भारतीय संविधान के मूल्यों पर कुठाराघात किया जाना है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय कुंवर मानवेंद्र सिंह(अध्यक्ष,उप्र विधान परिषद) ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का उदघाटन किया एवं अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि निश्चय ही ऊर्जा क्षेत्र में घाटे के।प्रमुख कारणों पर सेवा संगठनों एवं विद्युत कार्मिकों को चिन्तन करके वास्तविक स्थिति की सूचना सरकार के सम्मुख प्रस्तुत करना चाहिए एवं दृढ़ संकल्पित होकर ऊर्जा के उत्पादन एवं वितरण में समन्वय बनाए रखने के लिए ऊर्जा के बचत कैसे कर सकेंगे पर जनजागरण करके सार्वजनिक क्षेत्र में ऊर्जा उद्योग को काफी आगे ले जाया जा सकता है।
उन्होंने विद्युत कार्मिकों एवं आमजन की व्यवहारिक कठिनाइयों को सरकार तक पहुंचाए जाने के लिए सेवा संगठनों एवं ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत समाजिक सेवा संगठनों को समय समय पर आवश्यक संरक्षण प्रदान करने पर बल दिया।
कार्यक्रम में अन्य विभिन्न सेवा संगठनों एवं सामाजिक सेवा संगठनों के सम्मानित प्रतिनिधियो के भारतीय मजदूर संघ के प्रांतीय संगठन मंत्री, उप्र डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष इन एच एन मिश्रा ,इं.अजय कुमार केन्द्रीय अध्यक्ष राज्य विद्युत परिषद उप्र, लोक निर्माण विभाग डिप्लोम इंजीनियर्स संघ के प्रांतीय अध्यक्ष इं एन डी द्विवेदी  आदि ने अपने विचार रखे।
अंत में संगोष्ठी में धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत कर कार्यकम के संचालक इं एस बी सिंह (पूर्व केन्द्रीय संरक्षक राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स उप्र) प्रथम दिवस के कार्यक्रम की स्थगन कर कल दिनांक 09 फरवी को अपराह्न 2 बजे से प्रारंभ होने समापन सत्र के अधिक से अधिक विचारकों एवं ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक सुधार हेतु सुझाव प्रस्तावकों को प्रतिभाग करने की अपील करते हुई संगोष्ठी को स्थगन करने की घोषणा की।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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