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भारतीयों को हथकड़ी लगाकर भेजने पर भारत सरकार का बयान

नई दिल्ली 8फरवरी :अमेरिका में बड़े स्तर पर अवैध प्रवासियों को उनके देशों में डिपोर्ट किया जा रहा है। इसी क्रम में अमेरिका ने एक सैन्य विमान से 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को भी डिपोर्ट किया है। बुधवार को अवैध प्रवासियों से भरा विमान पंजाब के अमृतसर में उतरा। हालांकि, इन प्रवासियों को हथकड़ी लगाकर लाए जाने को लेकर भारत में बड़ा राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया है। संसद में भी विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर काफी हंगामा किया। वहीं, अब भारत के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को इस पूरे मामले पर अपना बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस तरह के व्यवहार से बचा जा सकता था।

भारत ने अमेरिका के समक्ष चिंता व्यक्त की

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शुक्रवार को अवैध प्रवासियों को हथकड़ी लगाकर भेजे जाने से संबंधित सवाल पर बताया है कि इस मुद्दे पर भारत ने अमेरिका के समक्ष चिंता व्यक्त की है। मिस्री ने कहा- ‘‘हमने अपनी चिंताओं से अमेरिका को अवगत कराया है कि इस प्रकार के व्यवहार से बचा जा सकता है।’’

साल 2012 से लागू है हथकड़ी की नीति

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने ये भी जानकारी दी है कि अमेरिका में साल 2012 से ही अवैध प्रवासियों को हथकड़ी लगाकर वापस भेजने की नीति लागू है। इस सवाल पर कि क्या भारत ने 2012 में विरोध दर्ज कराया था इसपर मिस्री ने कहा- ‘‘मुझे नहीं लगता कि कोई विरोध जताया गया था। हमारे पास आपत्ति के संबंध में कोई रिकॉर्ड नहीं है।”

अमेरिका ने 487 भारतीयों को चिह्नित किया

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी दी है कि अमेरिका ने 487 भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट करने के लिए चिह्नित किया है और 298 लोगों की डिटेल भारत के साथ साझा की है। जानकारी का सत्यापन किया जा रहा है। विक्रम मिस्री ने आगे कहा कि भारत ने अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष लगातार जोर देकर कहा है कि भेजे जाने वाले प्रवासियों के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए। मिस्री ने कहा- ‘‘हमारे ध्यान में दुर्व्यवहार का कोई भी मामला सामने आने पर हम उसे उठाते रहेंगे।’’

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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