भ्रष्ट और दागी पुलिसकर्मियों पर सख्त हुए सीएम, सभी की जांच कर बर्खास्तगी के दिये निर्देश
गोरखपुर01अक्टूबर: गोरखपुर में कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की मौत मामले ने मानवता को झकझोर का रख दिया है। इस मामले में सियासी पैंतरेबाजी भी शुरू हो गई है। इस केस में अब तक छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है जिसमें तीन नामजद हैं। उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा भी दर्ज किया गया है। मामले की गंभीरता और विरोध को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी सख्त रुख अपनाया है। टीम-9 की बैठक में सीएम योगी ने पुलिस विभाग को लेकर गुरुवार को विशेष निर्देश दिया है। सीएम ने एडीजी, कानून व्यवस्था और डीजी इंटेलिजेंस के नेतृत्व में प्रदेश में दो कमेटियां बनाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि ये दोनों कमेटियां पूरे उत्तर प्रदेश के सभी पुलिसकर्मियों का रिकॉर्ड रिव्यू करेंगी। इसमें जो भी पुलिसकर्मी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ जबरन रिटायरमेंट और बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी। ये दोनो कमेटियां जल्द से जल्द सीएम योगी को अपनी रिपोर्ट देंगी। मुख्यमंत्री ने साफ निर्देश दिया है कि दागी, भ्रष्ट पुलिस अफसरों, कर्मियों को कोई भी महत्वपूर्ण तैनाती नहीं दी जाये।
कृष्णा होटल में मौत
गोरखपुर के सिकरीगंज के महादेवा बाजार के रहने वाले चंदन सैनी ने बताया कि वह बिजनेस करते हैं। उनके तीन दोस्त गुरुग्राम से प्रदीप चैहान (32) और हरदीप सिंह चैहान (35) और कानपुर से मनीष गुप्ता (30) गोरखपुर घूमने आए थे। 27 सिंतबर की रात रामगढ़ताल थाना पुलिस होटल व सरायों की जांच पर निकली थी। थाने से कुछ दूरी पर स्थित कृष्णा होटल में पुलिस ने एक कमरे की तलाशी ली। होटल में मनीष अपने दो दोस्तों के साथ ठहरा हुआ था।
पुलिस के पहुंचने पर मनीष के दोनों साथी उठ गये। पूछताछ के दौरान मनीष के दोनों साथियों ने बताया कि वह गुड़गांव व लखनऊ के रहने वाले हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि वह कोई गलत व्यक्ति नहीं हैं। उन्होंने पुलिस को अपना आधार कार्ड भी दिखाया। पुलिस की बर्बर पिटाई से मनीष गुप्ता की मौत हो गयी। अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि युवक के सिर व शरीर पर गंभीर चोट के निशान हैं। मामले में कई पुलिसकर्मियों पर हत्या की एफआईआर हो गई है, वहीं कई निलंबित किए जा चुके हैं।