एक झलक

महाकुंभ में ढाई हजार साल पुरानी कलाकृतियां होगी प्रदर्शित,आयोजन को डिजिटल बनाने पर जोर

प्रयागराज 8 जनवरी :महाकुंभ 2025 में प्रदेश भर के पुरातात्विक महत्व के स्थलों-स्मारकों का भी संगम होगा। संस्कृति विभाग संग्रहालयों की 100 कलाकृतियों का एआर-वीआर प्रदर्शन करेगा।महाकुंभ में एक तरफ जहां सभी प्रमुख देवस्थलों का एक विशेष स्थल पर संगम किया गया है, वहीं प्रदेश भर के पुरातात्विक महत्व के स्मारकों व स्थलों, कलाकृतियों का भी संगम होगा। इसमें कई चीजें दो-ढाई हजार साल पुरानी भी हैं। संस्कृति विभाग इन प्रमुख स्थलों के थ्रीडी होलाग्राफिक मॉडल, वर्चुअल रियलिटी, ऑडियो रियलिटी (एआर-वीआर) तकनीकी से संग्रहालय के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक पहलुओं का वास्तविक अनुभव कर पाएंगेप्रदेश सरकार की ओर से महाकुंभ को डिजिटल बनाने पर भी फोकस होकर काम किया जा रहा है। इसमें आम लोगों से जुड़ी काफी चीजें व सुविधाएं ऑनलाइन की गई हैं।

वहीं प्रदेश के अभिलेखागार व संग्रहालयों में काफी प्राचीन कलाकृतियों, मूर्ति, पुरातात्विक महत्व के स्थलों से जुड़ी चीजें संरक्षित हैं। महाकुंभ को देखते हुए संस्कृति विभाग की ओर से इन संग्रहालयों की 100 उत्कृष्ट कलाकृतियों की थ्रीडी स्कैनिंग करवाई गई है।इनका महाकुंभ स्थित विभाग के पांडाल में एआर-वीआर तकनीकी से प्रदर्शन करेगा। खास बिल्कुल रियलिस्टिक (वास्तविक) स्वरूप में होंगी। खास यह कि इसमें दो-ढाई हजार साल पुरानी कलाकृतियां, जैन तीर्थंकर, बुद्ध, गज लक्ष्मी,दुर्गा,यमुना,सरस्वती, सूर्य आदि की प्रतिमाएं शामिल हैं। मथुरा, झांसी व लखनऊ राज्य संग्रहालय में संग्रहित इन कलाकृतियों को देश-विदेश के लोगों के सामने प्रदर्शित करने की विभाग की पूरी तैयारी है।इसी के साथ कुसुमवन सरोवर गोवर्धनमथुरा,कर्मदेश्वर महादेव मंदिर वाराणसी आदि की भी थ्रीडी स्कैनिंग कराई गई है। इनका भी एआर-वीआर तकनीकी से प्रदर्शन किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश राज्य संग्रहालय की निदेशक श्रृष्टि धवन ने बताया कि इसके साथ ह गंगा की उत्पत्ति, समुद्र मंथन आदि से जुड़ी लघु फिल्में भी बनवाई हैं। इनका भी डिजिटल माध्यम से प्रदर्शन किया जाएगा। इतना ही नहीं एआई मित्र रोबोट गाइड भी होगा जो यहां आने वाले लोगों को जानकारी देगा।कर्दमेश्वर महादेव मंदिर वाराणसी, हुलासखेड़ा पुरास्थल लखनऊ, गुरुधाम मंदिर वाराणसी, आस्तिक बाबा व कल्पादेवी मंदिर सीतापुर, वाल्मिकी आश्रम बिठूर कानपुर, मेंढक शिव मंदिर लखीमपुर खीरी, गंगोला शिवाला प्रयागराज, बौद्ध गुफाएं ललितपुर, भल्दारिया के शैलचित्र मिर्जापुर, रणजीत सिंह की छतरी गोवर्धन मथुरा डिग्री व्यू का प्रदर्शन किया जाएगा।पर्यटन एवं संस्कृति के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम का कहना है कि संस्कृति विभाग पीएम मोदी के डिजिटल कुंभ के आह्वान को साकार करने में लगा है। इसी क्रम में हम बहुत सारी चीजें आम श्रद्धालुओं व पर्यटकों को डिजिटल माध्यम से उपलब्ध कराएंगे। वहीं कई स्मारकों का थ्रीडी मॉडल भी तैयार कराया गया है। यह सभी चीजें लोगों को आकर्षित करेंगी।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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