राजनीति

महाकुम्भ ने दिखाई विकसित भारत की शुरुआती झलक- ए.के. शर्मा

वाराणसी /लखनऊ 05 फरवरी:उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने महाकुंभ की शुरुआत से ही कहा है कि इस बार का महाकुंभ विकसित भारत की शुरुआती झलक प्रस्तुत कर रहा है। महाकुम्भ भारत की प्राचीन परंपरा है और हजारों बार आयोजित हो चुका है। हालांकि, इस बार यह आधुनिक भारत में हो रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि इस महाकुंभ के आयोजन में उसी भावना से कार्य किया जा रहा है और इसका उद्देश्य भारत की शक्ति को पूरे विश्व के सामने प्रस्तुत करना है। नगर विकास विभाग महाकुंभ में नोडल विभाग होने और नगर विकास मंत्री होने से हमारी जिम्मेदारी भी बड़ी थी, जिसे मैं स्वयं और अपनी टीम के अथक प्रयासों से इस मिशन में सफल होते दिख रहे है।

नगर विकास मंत्री ने कहा कि अमेरिका से आई एक एनआरआई महिला ने महाकुंभ में उपलब्ध सुविधाओं और व्यवस्थाओं की जमकर प्रशंसा की। जब उन्हें बताया गया कि महाकुंभ क्षेत्र की वर्तमान जनसंख्या अमेरिका की कुल जनसंख्या से अधिक है, तो वे आश्चर्यचकित रह गईं। इसी तरह, मूलरूप से बंगाल के लेकिन अब युगांडा में बसे एक व्यक्ति ने कहा कि महाकुंभ की सुविधाएं शानदार हैं। बेंगलुरु, चेन्नई, अहमदाबाद, मुंबई, कोलकाता और अन्य कई स्थानों से आए श्रद्धालुओ से यह कहते हुए सुने गए कि महाकुंभ की सुविधाएं कई विकसित और व्यवस्थित शहरों से बेहतर हैं।

मंत्री शर्मा ने कहा कि संपूर्ण विश्व से आए श्रद्धालुओ ने विशेष रूप से महाकुंभ में मिले आध्यात्मिक एवं भौतिक अनुभवों की प्रशंसा कर रहे हैं। महाकुम्भ की स्वच्छता और प्रकाश व्यवस्था ने उन्हें सबसे अधिक प्रभावित किया।

मंत्री शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ के अलौकिक बनने का कारण यह रहा कि इस बार तैयारियां अत्यधिक सुनियोजित तरीके से की गई हैं। कार्यान्वयन में कोई कमी नहीं छोड़ी गई, सुविधाओं के रखरखाव में खासतौर से स्वच्छता और सफाई की लगातार निगरानी के साथ कार्यों पर नजर रखी जा रही है।

नगर विकास मंत्री ने महाकुंभ के व्यवस्थापन की विशालता और उन्नयन को दर्शाने के लिए कुछ ठोस उदाहरण भी दिए। उन्होंने आगे कहा कि भारत कुछ भी कर सकता है, कुछ भी संरचना बना सकता है और कुछ भी प्रतिपूर्ति करा सकता है।

1.-4000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैले महाकुंभ क्षेत्र के हर कोने में पानी पहुंचाने के लिए युद्धस्तर पर 1200 किलोमीटर की पेयजल पाइपलाइन बिछाई गई है।

2.-70,000 से अधिक पेयजल नल कनेक्शन तंबुओं, कार्यालयों, दुकानों, संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों पर दिए गए।

3– 24 घंटे शुद्ध जल उपलब्ध कराने के लिए 250 वाटर एटीएम लगाए गए।

4.-श्रद्धालुओं के लिए 1.5 लाख शौचालय बनाए गए हैं और उनकी नियमित सफाई की जा रही है।

5- महाकुंभ की स्वच्छता और सफाई बनी रहे इसके लिए 20,000 से अधिक सफाईकर्मी, हजारों मशीनें और उतनी ही संख्या में पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं। इसी के बदौलत महाकुंभ को अत्यधिक सराहा जा रहा है।

6- कुम्भ मेला क्षेत्र में 1.25 लाख से अधिक तंबू लगाए गए, जहां पर पारिवारिक व्यक्तियों, धार्मिक संगठनों, सरकारी संस्थानों और सामाजिक संगठनों को ठहराया गया है।

7- इन टेंट में बिजली की सुविधा के लिए 05 लाख से अधिक बिजली कनेक्शन दिए गए।

8– 75,000 एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं।

9- आगंतुकों और श्रद्धालुओं की यात्रा सुविधाजनक बनाने के लिए मेला क्षेत्र में हजारों किलोमीटर की अस्थायी सड़कें बनाई गई।

10 -नदियों पर पांटून पुल नमक 30 अस्थायी पुल बनाए गए, जिससे कि लोग नदी के एक किनारे से दूसरे किनारे पर आसानी से जा सकें और अपनी सुविधानुसार घाटों पर स्नान कर सके।

11– कई नए स्नान घाट बनाए गए है।

12– आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक नया रिवरफ्रंट बनाया गया।

13– प्रयागराज के अधिकांश पौराणिक स्थल, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यंत ही महत्वपूर्ण है, को विश्व स्तरीय सुविधाओं से विकसित किया गया। इनमें भारद्वाज आश्रम, लेटे हनुमान जी मंदिर, बेनी माधव मंदिर, नागवासुकी मंदिर, निशादराज स्थल, अक्षयवट वृक्ष कॉरिडोर और अन्य कई स्थान शामिल हैं।

14– महाकुंभ के संचालन, प्रबंधन और सेवाओं की दक्षता और ऊर्जा को बढ़ाने के लिए नवीनतम वैज्ञानिक और तकनीकी उपकरणों व प्रणाली का उपयोग किया गया है, जिससे अथॉरिटी को सुविधाओं और सेवाओं सम्बन्धी विभिन्न मुद्दों को प्रभावी तरीके से व्यवस्थित करने में मदद मिली।

15– इनमें 2700 एआई कैमरे, 52,000 जियो-टैग किए गए विद्युत पोल और दो तीन समर्पित कमांड एवं कंट्रोल सेंटर शामिल है।

16– इसी प्रकार अग्निशमन और मानव सुरक्षा उपायों के लिए आधुनिक उपकरणों के साथ फेस रिकग्निशन सिस्टम को लगाया किया गया है।

17– कुम्भ मेला क्षेत्र में हर 20 मीटर पर आपको कूड़ेदान मिलेंगे। सफ़ाई करने, सड़कों को साफ करने और पानी छिड़कने के लिए नवीनतम मशीनें लगाई गई है। नदी की सफाई करने के लिए भी आधुनिक मशीनें लगाई गई है।

18– सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में मौजूद सबसे पुराने पुलों के सौंदर्यीकरण के लिए आधुनिक प्रकाश उपकरण लगाए गए हैं।

19– इसके अलावा महाकुंभ मेला क्षेत्र में प्रकाश और ध्वनि प्रबंधन के लिए अत्याधुनिक गैजेट्स का भी अनुभव किया जा सकता है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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