एक झलक

माता शैलपुत्री को लगाएं इस खास चीज से बने हलवे का भोग, सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी!

वाराणसी 2 अक्टूबर :इस साल शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर गुरुवार से शुरू हो रही है। नवरात्री के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा का विधान है। इसी दिन घटस्थापना भी की जाती है। माता शैलपुत्री को जो भी भक्त इस विशेष चीज के हलवे का भोग लगाता है वह सुख-समृद्धि को प्राप्त करता है। चलिए जानते हैं माता शैलपुत्री की पूजा कैसे करनी चाहिए?

पूजा विधि

शास्त्रों में बताया गया है कि नवरात्रि के पहले दिन माता दुर्गा के शैलपुत्री रूप की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद नए वस्त्र धारण कर मंदिर को साफ करें। उसके बाद दीपक जलाकर शुभ मुहूर्त में कलश स्थापन करें। फिर पूर्व की ओर मुख करके लाल वस्त्र बिछाकर माता का चित्र स्थापित करें। पूजा की शुरुआत में सबसे पहले गणेश जी का आवाहन करें। गणेश जी की पूजा करने के बाद मां शैलपुत्री का लाल फूल के साथ आवाहन करें। उसके बाद माता को अक्षत, सिन्दूर, धूप, नैवैद्य चढ़ाएं। नैवैद्य चढाने के बाद दीपक जलाकर माता की आरती करें। आरती के बाद शंख बजाएं और माता शैलपुत्री को प्रसाद अर्पित करें। प्रसाद अर्पित करने के बाद ऊं ऐं ह्नीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम: मंत्र का जप करें|

भोग सामग्री

पूजा संपन्न होने के बाद माता को गाय के घी से बने खाद्य पदार्थ का भोग लगाएं। ऐसा माना जाता है कि माता शैलपुत्री को गाय के घी से बने भोग सबसे ज्यादा प्रिय हैं। अगर संभव हो तो माता को गाय के घी से बने बादाम के हलवे का भोग अवश्य लगाएं। दुर्गा सप्तशती में बतया गया है कि बादाम का हलवा मां को सबसे ज्यादा प्रिय है। जो भी साधक माता शैलपुत्री को गाय के घी में बने बादाम के हलवे का भोग लगाता है माता उसकी सारी मनोकामना पूरी करती हैं।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *