विद्युत विभाग:कंसल्टेंट की नियुक्ति के प्राविधानों में किया गया बड़ा बदलाव: प्रबंधन की निजी घरानों से मिलीभगत के चलते बड़े घोटाले की आशंका

वाराणसी/लखनऊ 8 फ़रवरी:विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने कहा है कि कंसल्टेंट की नियुक्ति की प्रक्रिया में किया गया बड़ा फेरबदल इस बात की आशंका को जन्म दे रहा है कि प्रबंधन की निजी घरानों से मिली भगत है और इसके चलते उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण के नाम पर मेगा घोटाला होने वाला है।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि कंसल्टेंट की नियुक्ति में हितों के टकराव (conflict of interest) का प्राविधान शिथिल कर देना बहुत गम्भीर मामला है। ऐसा लगता है कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन की कुछ निजी घरानों से सांठगांठ है और कंसल्टेंट इसी हिसाब से नियुक्त किया जाएगा जो निजीकरण का डॉक्यूमेंट पूर्व निर्धारित निजी कम्पनी के हिसाब से तैयार करेगा।
उन्होंने कहा कि कंसल्टेंट की नियुक्ति भी पूर्व निर्धारित है। इसी दृष्टि से हितों के टकराव के प्रावधान को शिथिल किया गया है और सालाना टर्नओवर और कर्मचारियों की संख्या के प्रावधान में भी बड़ा बदलाव किया गया है। पहले जारी आर एफ पी डॉक्यूमेंट के अनुसार 500 करोड़ रुपए का टर्न ओवर होना चाहिए था जिसे घटाकर 200 करोड़ रुपए कर दिया गया है और कम्पनी के कर्मचारियों की संख्या 500 से घटाकर 200 कर दी गई है।
संघर्ष समिति ने कहा कि जब कंसल्टेंट की नियुक्ति के टेंडर में बार बार इतने बड़े बदलाव किए जा रहे हैं तब सबको समझ लेना चाहिए कि पूर्व निर्धारित चहेती कम्पनी को 42 जनपदों की बिजली व्यवस्था सौंपने के टेंडर में कितनी बार बदलाव किए जाएंगे। संघर्ष समिति ने इसे बेहद गम्भीर मामला बताते हुए कहा है कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन की इन गतिविधियों से प्रदेश सरकार की पारदर्शिता की नीति को आघात लग रहा है।
संघर्ष समिति ने कहा कि आगरा के अर्बन डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेंचाइजी के समय भी इसी तरह गलत आंकड़े देकर निजी कंपनी के पक्ष में मनमाने बदलाव किए गए थे जिसका खामियाजा आज तक प्रदेश के उपभोक्ता, पॉवर कारपोरेशन और सरकार भुगत रहे हैं।
संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली के निजीकरण के पीछे मेगा घोटाले की योजना है। संघर्ष समिति निजीकरण के पीछे की मंशा और घोटालों को आम जनता के बीच उजागर करेगी।
उन्होंने कहा कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन झूठ और डर का वातावरण बनाकर निजीकरण करना चाहता है जिसे बिजली कर्मी कदापि स्वीकार नहीं करेंगे।