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विद्युत विभाग:छह केंद्रीय श्रम संघों ने बिजली का निजीकरण निरस्त करने हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री से की अपील:विरोध में प्रांत भर में विरोध प्रदर्शन जारी

लखनऊ/वाराणसी 5 मार्च:विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर आज लगातार 98 वें दिन बिजली कर्मचारियों ने प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर जोरदार प्रदर्शन किया। निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन 06 व 07 मार्च को भी यथावत जारी रहेगा। संघर्ष के 101वें दिन संघर्ष समिति के सभी घटक श्रम संघों और सेवा संगठनों के केंद्रीय पदाधिकारियों की लखनऊ में बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में निजीकरण निरस्त कराने हेतु संघर्ष तेज करने की रणनीति तय की जाएगी।

उधर छह केन्द्रीय श्रम संघों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से अपील की है कि वह निजीकरण की प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार को देखते हुए निजीकरण का निर्णय तत्काल निरस्त करने की कृपाकरें।
हिन्द मजदूर सभा के अरुण गोपाल मिश्र, पीयूष मिश्र, एटक के चन्द्र शेखर, इंटक के दिलीप श्रीवास्तव, सुधीर श्रीवास्तव, सीटू के प्रेम नाथ राय, हेमन्त कुमार सिंह, एआईटीयूटीसी से बीरेंद्र त्रिपाठी और ‘सेवा’ से सीता रावत, मीना ने संयुक्त बैठक कर निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों के आन्दोलन का समर्थन करते हुए कहा है कि निजीकरण हेतु ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति के मामले में जिस तरह हितों के टकराव के प्रावधान को शिथिल कर दिया गया है उससे यह स्पष्ट हो गया है कि निजीकरण की प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार चल रहा है । केंद्रीय श्रम संगठनों की बैठक की अध्यक्षता एटक के चंद्रशेखर ने की।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने पुनः कहा है कि पावर कार्पोरेशन प्रबंधन निजीकरण का राग बंद कर दें और बिजली कर्मचारियों को विश्वास में लेकर सुधार की प्रक्रिया में लगे। बिजली कर्मी सुधार चाहते हैं और निजीकरण के विरोध में अनावश्यक बिजली कर्मियों की ऊर्जा लग रही है ।यही ऊर्जा सुधार में लगे तो बिजली की व्यवस्था में और उत्तरोत्तर सुधार होगा।
आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, प्रयागराज ,अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, हरदुआगंज, पारीछा, ओबरा, पिपरी और अनपरा में विरोध सभा हुई।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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