विद्युत विभाग:निजीकरण की लड़ाई की जीत का दावा,महज़ घोषणा बाकी-उपभोक्ता परिषद:JE संगठन का संघर्ष समिति के साथ आने में अभी संसय बरक़रार

वाराणसी/लखनऊ 14: जनवरी:उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने कर्मचारी और अभियंता संगठनों की परवाह नहीं करते हुए दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PuVVNL) के निजीकरण की राह में एक कदम और बढ़ा लिया है। प्रदेश के 42 जनपदों से संबंधित पीपीपी मॉडल को लेकर सोमवार को कारपोरेशन की रेगुलेटरी अफेयर्स यूनिट ने ट्रांजैक्शन एडवाइजर (कंसल्टेंट) का टेंडर जारी कर दिया है। ये कदम तब उठाया गया, जब सोमवार को कर्मचारी और अभियंता संगठनों ने निजीकरण के खिलाफ हाथों में काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया। एक तरफ ऊर्जा संगठनों ने करो या मरो की तर्ज पर आंदोलन को आगे बढ़ाने की खुली चुनौती दी है, तो दूसरी ओर इससे बेपरवाह यूपीपीसीएल प्रबंधन आगे की कार्रवाई में जुटा है।
पावर कॉरपोरेशन द्वारा दोनों बिजली कंपनियों के लिए ट्रांजैक्शन एडवाइजर का विज्ञापन निकलते ही बवाल बढ़ा
पावर कॉरपोरेशन फिर एक बार लीगल पैरामीटर में उलझा उपभोक्ता परिषद का खुला चौलेंज जीत होगी उसकी जितना भी उलझाना है उलझा ले कॉरपोरेशन बिजली कंपनियों को बेचना बच्चों का खेल नहीं।
उपभोक्ता परिषद ने किया जीत का दावा, महज घोषणा बाकी
उपभोक्ता परिषद ने कहा कि हकीकत ये है कि यूपीपीसीएल प्रबंधन के खिलाफ इस बार की भी लड़ाई उपभोक्ता परिषद ने जीत ली है। सिर्फ इसकी घोषणा करना बाकी है। इसलिए पावर कारपोरेशन यह भूल जाए कि वह दोनों बिजली कंपनियों को निजी क्षेत्र में देने में सफल होगा।
जूनियर इंजीनियर संगठन की कार्यकारिणी की आपात बैठक, निजीकरण के खिलाफ आंदोलन में कूदा
सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित कर केन्द्रीय अध्यक्ष का ने कहा कि सांकेतिक रूप से काली पट्टी बांध कर कार्य स्थल पर कार्य करना है तथा डेली शाम 5 बजे से 7 बजे तक जनपद मुख्यालय पर विरोध सभा करनी है।
संघर्ष समिति के साथ आने में अभी संसय बरक़रार