विद्युत विभाग:निजीकरण के लिए नोडल अधिकारी, निदेशक वित्त को अधिवर्षता उम्र के बाद भी दोबारा अवैधानिक ढंग से अनिश्चितकालीन सेवा विस्तार देने की कोशिश

लखनऊ/वाराणसी 13 फ़रवरी:”“”लूट की खुली छूट””उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन औऱ निगमो में शीर्ष पदों पर आईएएस की अवैध नियुक्तियो के बाद अब अधिवर्षता उम्र 62 के बाद असंवैधानिक तरीके से सेवविस्तार देने की कोशिश की जा रही है।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने निजीकरण के लिए पावर कॉरपोरेशन के निदेशक वित्त को अवैधानिक ढंग से सेवा विस्तार देने का विरोध किया है।
संघर्ष समिति ने कहा है कि निदेशक वित्त को निजीकरण के लिए पहले ही नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। संघर्ष समिति ने कहा की अवैधानिक प्रक्रियाओं से निजीकरण करने की कोशिश का पुरजोर विरोध होगा। संघर्ष समिति निजीकरण के विरोध में अपना अभियान तब तक जारी रखेगी जब तक निजीकरण का फैसला वापस नहीं लिया जाता।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि निदेशक वित्त निधि निजीकरण के का वर्तमान कार्यकाल 17 फरवरी को समाप्त हो रहा है। यह पता चला है कि श्री निधि नारंग को निजीकरण होने तक अवैधानिक ढंग से सेवा विस्तार दिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व 62 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद श्री निधि नारंग को 17 फरवरी 2024 को अवैधानिक ढंग से सेवा विस्तार दिया जा चुका है।
यह पता चला है कि श्री निधि नारंग को दिए जा रहे सेवा विस्तार में यह लिखा जा रहा है कि उन्हें निजीकरण होने तक सेवा विस्तार दिया जा रहा है। सवाल यह है कि निजीकरण होने में कितना समय लगेगा यह कोई नहीं जानता तो श्री नारंग को क्या अनिश्चित काल तक सेवा विस्तार दिया जा रहा है ?
संघर्ष समिति ने कहा कि श्री निधि नारंग को जुलाई 2024 में निदेशक वाणिज्य का अतिरिक्त कार्यभार भी दे दिया गया है। उल्लेखनीय है कि निदेशक वाणिज्य के लिए न्यूनतम योग्यता इंजीनियरिंग में स्नातक होना है। श्री नारंग इंजीनियरिंग में स्नातक नहीं है। इस प्रकार यह दिया गया कार्यभार भी पूरी तरह अवैधानिक है।
संघर्ष समिति ने कहा कि पावर कार्पोरेशन प्रबंधन निजीकरण करने के लिए इतना उतावला है कि इस हेतु हर प्रकार के अवैधानिक कार्य किये जा रहे हैं। निदेशक वित्त को निजीकरण होने तक सेवा विस्तार देना अवैधानिक तो होगा ही , यह सेवा विस्तार निजी क्षेत्र से मिली भगत के चलते संदेह के दायरे में भी होगा।
संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण की चल रही सभी अवैधानिक प्रक्रियाओं का पुरजोर विरोध किया जायेगा। संघर्ष समिति ने कहा कि प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन कल जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में निजीकरण स्वीकार्य नहीं है। निजीकरण के विरोध में तब तक आन्दोलन जारी रहेगा जब तक निजीकरण का निर्णय वापस नहीं लिया जाता।