विद्युत विभाग:निजीकरण के विरुद्ध बटेंगे तो कटेंगे,एक हैं तो सेफ हैं के नारे के साथ संघर्ष का ऐलान:प्रबंधन की संपूर्ण उत्पादन निगम एवं ट्रांसको के निजीकरण की है कार्य योजना
वाराणासी/लखनऊ 30 नवंबर:संयुक्त संघ समिति ने वितरण निगमो के निजीकरण के साथ उत्पादन निगम औऱ ट्रांसमिशन निगम के निजीकरण की ऊर्जा प्रबंधन की कार्ययोजना की तैयारियों के बीच बंटोगे तो कटोगे, एक रहोगे तो सेफ रहोगे के साथ निजीकरण के विरुद्ध एकजुट संघर्ष की तैयारी कर दी।
संयुक्त संघर्ष समिति की उत्पादन औऱ ट्रांसमिशन निगमो के साथियों से अपील
साथियों, पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने विद्युत वितरण निगमों के साथ-साथ उत्पादन एवं ट्रांसमिशन के संपूर्ण निजीकरण का निर्णय ले लिया है ऐसा प्रतीत होता है। समाचार पत्रों में पावर कारपोरेशन के द्वारा यह बयान दिया जाना कि उत्पादन निगम और ट्रांसमिशन के कार्मिकों को 50% तक ज्वाइंट वेंचर के एनटीपीसी के और नवेली लिग्नाइट लिमिटेड के निगमों में प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाएगा। इससे स्पष्ट होता है कि संपूर्ण उत्पादन निगम एवं ट्रांसको के निजीकरण की कार्य योजना है।
यहां यह बताना आवश्यक है की एनटीपीसी की एच आर पॉलिसी में प्रतिनियुक्ति के लिए कोई स्थान नहीं है। वैसे भी देश के किसी सार्वजनिक उपक्रम में 50% तक प्रति नियुक्ति होने का कोई दूसरा उदाहरण ही नहीं है। जब उत्तर प्रदेश में ही आगरा शहर और ग्रेटर नोएडा का निजीकरण हुआ था तब निजी कंपनियों ने तत्कालीन विद्युत परिषद के एक भी कार्मिक को अपने यहां सेवा में नहीं लिया था। उन्हें वापस आना पड़ा था। अब जबकि वितरण, उत्पादन और ट्रांसमिशन का सम्पूर्ण निजीकरण किया जा रहा है तब छंटनी के अलावा और कोई विकल्प नहीं है,
आज पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने सभी मंडल आयुक्तों सहित निर्माण निगम, जल निगम रूरल और जल निगम अर्बन, सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग, नगर विकास विभाग, नमामि गंगे विभाग और ग्रामीण विद्युतीकरण विभाग के प्रमुख सचिवों को पत्र भेजकर हड़ताल से निपटने के लिए मैनपावर की तत्काल मांग की है। ऐसा प्रतीत होता है कि निजीकरण के सारे दस्तावेज तैयार हैं और किसी भी दिन अचानक निजीकरण का ऐलान होने वाला है।
स्थिति बहुत विपरीत है लेकिन कार्मिकों के हितों को देखते हुए उनके परिवार को देखते हुए उनके बच्चों का भविष्य देखते हुए हमारे सामने एकजुट होकर संघर्ष करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है ।
एक हैं तो सेफ हैं।।।
बटेंगे तो कटेंगे ।।।।
इंकलाब जिंदाबाद
संयुक्त संघर्ष समिति