एक झलक

विद्युत विभाग:निजीकरण पर ड्यूटी आवर्स के बाद ऊर्जा प्रबंधन का बहिष्कार शुरू:वर्क टू रूल जारी:आम उपभोक्ताओं को नही होने दी जाएगी दिक्कत- संघर्ष समिति

लखनऊ/वाराणसी 15 मई:बिजली के निजीकरण पर बिजलीकर्मियों के आंदोलन/संघर्ष दिन पर दिन तेज़ किया जा रहा है।

बिजलीकर्मियों औऱ प्रबंधन के बीच अविश्वास की बढ़ती खाई से आंदोलन पूर्ण कार्य वहिष्कार की ओर बढ़ता जा रहा है।

एनर्जी टास्क फोर्स की बैठक में निजीकरण के बिडिंग डॉक्यूमेंट तथा भारत सरकार के ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट 2025 के एजेंडा पर संघर्ष समिति ने आपत्ति दर्ज की,

कॉरपोरेट घरानों से मिलीभगत पारदर्शिता के सिद्धान्त के विपरीत,
वर्क टू रूल जारी,

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु 16 मई को प्रातः 11:00 बजे एनर्जी टास्क फोर्स की हो रही बैठक के एजेंडा पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने गहरी आपत्ति दर्ज करते हुए की मांग,

एनर्जी टास्क फोर्स कंसल्टेंट के बिडिंग डॉक्यूमेंट को स्वीकार न करे और निजीकरण की चल रही प्रक्रिया निरस्त की जाय,

संघर्ष समिति के आह्वान पर कल से शुरू हुआ वर्क टू रूल आंदोलन आज भी जारी रहा,

वर्क टू रूल आंदोलन के दौरान बिजली कर्मी प्रातः 10 बजे से शाम 05 बजे तक निर्धारित ड्यूटी अवधि में ही कार्य कर रहे हैं,

विद्युत अभियंताओं ने पॉवर कॉरपोरेशन प्रबन्धन द्वारा आज की गई वीडियो कान्फ्रेसिंग का ठीक 05 बजे सामूहिक रूप से बहिष्कार किया,

संघर्ष समिति ने कहा है कि वर्क टू रूल के दौरान ड्यूटी आवर्स के बाद प्रबन्धन का बहिष्कार किया जाएगा,

आम उपभोक्ताओं को कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी,
एनर्जी टास्क फोर्स की कल हो रही बैठक के एजेंडा पर संघर्ष समिति ने दो बिंदुओं पर आपत्तियां दर्ज की हैं। संघर्ष समिति की पहली आपत्ति है कि एनर्जी टास्क फोर्स की मीटिंग में अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन द्वारा स्ट्रेटजी पेपर/ बिडिंग डॉक्यूमेंट का प्रस्तुतीकरण किया जाना है। संघर्ष समिति ने कहा की ग्रांट थॉर्टन द्वारा दिया गया झूठा शपथ पत्र प्रकाश में आने के बाद उसने स्वीकार कर लिया है कि उसने झूठा शपथ पत्र दिया था। इसके साथ ही उसने यह भी स्वीकार कर लिया है कि उस पर अमेरिका में पेनल्टी लगाई गई थी। इन दोनों आरोपों के स्वीकार कर लेने के बाद पत्रावली पर इंजीनियर ऑफ द कॉन्ट्रैक्ट ने यह अनुशंसा की है कि ग्रांट थॉर्टन का कंसल्टेंट के रूप में नियुक्ति का आदेश निरस्त कर दिया जाए। इस फाइल को विगत एक माह से पावर कारपोरेशन के चेयरमैन दबाए बैठे हैं और कोई निर्णय नहीं ले रहे हैं। ऐसी स्थिति में अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट द्वारा एनर्जी टास्क फोर्स के सामने स्ट्रेटजी पेपर/ बिडिंग डॉक्यूमेंट का प्रस्तुतीकरण किया जाना पूरी तरह से अवैधानिक है।
संघर्ष समिति की दूसरी आपत्ति 09 अप्रैल 2025 को भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट को लेकर है। संघर्ष समिति ने बताया की 09 अप्रैल 2025 का कथित ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय की वेबसाइट पर नहीं है और पब्लिक डोमेन में भी नहीं है। इसके पूर्व भारत सरकार ने सितंबर 2020 में एक स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट का ड्राफ्ट जारी किया था जिसे अभी तक फाइनल नहीं किया गया है। यदि भारत सरकार ने 09 अप्रैल 2025 को कोई नया स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट का ड्राफ्ट जारी किया है तो उसे सर्कुलेट किया जाना चाहिए और सभी स्टेक होल्डर्स की उस पर आपत्ति मांगी जानी चाहिए। इसके पूर्व इस आधार पर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के बिडिंग डॉक्यूमेंट को फाइनल किया जाना पूरी तरह से गलत होगा।
संघर्ष समिति ने कहा कि कंसल्टेंट की नियुक्ति के समय जारी किए गए आर एफ पी डॉक्यूमेंट में वर्ष 2020 के ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट का हवाला दिया गया है। ऐसी स्थिति में एनर्जी टास्क फोर्स की बैठक में 09 अप्रैल 2025 के कथित ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट पर प्रस्तुतीकरण किया जाना पूरी तरह गलत होगा।
संघर्ष समिति ने टाटा पावर के प्रबंध निदेशक प्रवीर सिन्हा के आज मुंबई से जारी किए गए वक्तव्य पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की है। टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित समाचार के अनुसार टाटा पॉवर के एम डी ने कहा है कि हमारे डिस्कसन के आधार पर बिडिंग डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है और टाटा पॉवर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की बिडिंग में भाग लेने के लिए तैयार है। संघर्ष समिति ने कहा कि टाटा पावर के प्रबंध निदेशक का यह बयान पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और कार्पोरेट घरानों की मिलीभगत को पूरी तरीके से उजागर कर देता है। संघर्ष समिति ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के पीछे भारी भ्रष्टाचार हो रहा है और आश्चर्य की बात यह है कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की नीति को धता बताते हुए चेयरमैन निजीकरण करने पर आमादा हैं।
संघर्ष समिति के आह्वान पर वर्क टू रूल आंदोलन आज दूसरे दिन जारी रहा। आज प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध सभा हुई।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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