विद्युत विभाग:पावर कॉरपोरेशन द्वारा कल जारी किए गए सारे आंकड़े भ्रामक:जानबूझकर तोड़ मरोड़ कर घाटा बढ़ाकर दिखाने का मकसद केवल निजी घरानों की मदद करना

लखनऊ:वाराणसी 20 मई:संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने चेयरमैन पर आरोप लगाते हुए कहा कि निजीकरण पर चेयरमैन को सार्वजनिक तौर पर यह बताना चाहिए कि महज चार दिन पहले नियामक आयोग को सौंप गए ए आर आर में 9206 करोड रुपए के घाटे की बात कही गई थी और कल अचानक ए आर आर को बदल कर 19600 करोड रुपए का घाटा दिखाया गया है।
संघर्ष समिति चेयरमैन के द्वारा दिये गए आंकड़ों पर कल अपना विस्तृत वक्तव्य देगी।
बिजलीकर्मियों की निजीकरण के विरोध में प्रांत भर में विरोध सभा
29 मई से अनिश्चितकाल कार्य बहिष्कार
21 मई से सभी जनपदों और परियोजनाओं पर 3 घण्टे विरोध प्रदर्शन
पावर कॉरपोरेशन पर बढ़ा चढ़ा कर घाटा दिखाने और आंकड़ों का फर्जीवाड़ा करने का आरोप
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में आज प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर बिजली कर्मचारियों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया।
संघर्ष समिति ने पावर कारपोरेशन के चेयरमैन पर यह आरोप लगाया है कि वह आंकड़ों का फर्जीवाड़ा कर बढ़ा चढ़ा कर घाटा दिखा रहे हैं और आम उपभोक्ताओं पर इसका बोझ डालना चाहते हैं, जबकि इसके पीछे मुख्य मकसद निजी घरानों की मदद करना है।
संघर्ष समिति की आज हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि निजीकरण के विरोध में 21 मई से समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर अपराह्न 2:00 बजे से सायं 5:00 बजे तक व्यापक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। विरोध प्रदर्शन का यह कार्यक्रम 28 मई तक चलेगा। 29 मई से संघर्ष समिति ने निजीकरण के विरोध में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की नोटिस दी है। संघर्ष समिति ने कहा कि 29 मई से होने वाले अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार के पहले 21 मई से संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों के प्रांत व्यापी दौरे प्रारंभ होंगे।
संघर्ष समिति ने कहा कि देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि जब किसी प्रांत में पावर कारपोरेशन ने अपने ए आर आर को चार दिन के अंदर पुनरीक्षित कर घाटा बढ़ा चढ़ा कर नई ए आर आर दाखिल की है। संघर्ष समिति ने कहा कि यह सब निजीकरण से पहले निजी घरानों की मदद करने के लिए किया जा रहा है। आगरा में भी निजीकरण के पहले ए टी एंड सी हानियां 54% बताई गई थी जो वास्तव में 40% के नीचे थी। इसका दुष्परिणाम यह है कि आज भी आगरा में पावर कॉरपोरेशन 5.55 रु प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद कर निजी कंपनी को 04. 36 रु प्रति यूनिट में दे रही है और 274 करोड रुपए का सालाना नुकसान उठा रही है। संघर्ष समिति ने कहा कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन को सार्वजनिक तौर पर यह बताना चाहिए कि महज चार दिन पहले नियामक आयोग को सौंप गए ए आर आर में 9206 करोड रुपए के घाटे की बात कही गई थी और कल अचानक ए आर आर को बदल कर 19600 करोड रुपए का घाटा दिखाया गया है। संघर्ष समिति ने कहा कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन यह भी सार्वजनिक करें कि निजीकरण के बाद सरकार सब्सिडी देगी या नहीं देगी क्योंकि उनके द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में बार-बार सब्सिडी का उल्लेख किया गया है। संघर्ष समिति ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन द्वारा कल जारी किए गए सारे आंकड़े भ्रामक हैं और जानबूझकर तोड़ मरोड़ कर रखे गए हैं। घाटा बढ़ाकर दिखाने का मकसद केवल निजी घरानों की मदद करना है। संघर्ष समिति इन आंकड़ों पर कल विस्तृत वक्तव्य देगी।
आज विरोध प्रदर्शन के दौरान पावर कार्पोरेशन प्रबंधन की दमनकारी नीति के चलते शक्ति भवन पर अनावश्यक रूप से टकराव का वातावरण उत्पन्न हुआ। और कार्पोरेशन प्रबंधन ने शक्ति भवन के सारे गेट बंद करवा दिए । न कोई बाहर आ सकता था और न कोई बाहर से अंदर जा सकता था । पावर कार्पोरेशन प्रबंधन की इस कार्यवाही से शक्ति भवन का कार्य प्रभावित हुआ जिसकी सारी जिम्मेदारी चेयरमैन की है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों द्वारा प्रबंधन के इस कृत्य का विरोध किए जाने के बाद शक्ति भवन के गेट खोले गए।
आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, केस्को, गोरखपुर, प्रयागराज, आजमगढ़, मिर्जापुर, झांसी, बांदा, अलीगढ़, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, बरेली, अयोध्या, देवी पाटन ,सुल्तानपुर ,ओबरा, पिपरी, अनपरा, परीक्षा, हरदुआगंज, पनकी में व्यापक विरोध प्रदर्शन किए गए।