विद्युत विभाग:पूर्वांचल की दोहरी नीति:तबादले के बाद भी डटे अधिकारी:चहेते को तबादला रुकवाने के लिए पूर्वांचल निगम ने दिया रिलीविंग में ग्रेस पीरियड
वाराणासी 26 अक्टूबर:”””””शम्भू राज में सम्भव””””“”पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में तबादले के बाद रिलीविंग पर दोहरी नीति देखने को मिल रही है जहां एक तरफ कर्मचारी वर्गों के तबादले के बाद पूर्वांच निगम प्रबंधन द्वारा स्थांनातरित कर्मचारी वर्गों को तत्काल नये कार्यस्थल पर कार्यभार ग्रहण करने के साथ उनको रिलीव करने का फ़रमान जारी करता है औऱ वेतन रोकते हुए वेतन नवतैनाती कार्यालय से निर्गत करने का शाही पत्र जारी करता है।
वही दूसरी तरफ अधिकारी वर्ग के तबादले में पूर्वांचल प्रबंधन राजशाही भूल कर याचक के रूप में देखा जाता है स्थानांतरित अधिकारी वर्ग को तबादला रुकवाने/बदलवाने के लिए प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप में ग्रेस टाइम देता है जिसका उदाहरण अधिकारियो के तबादले के बाद आदेश निरस्तीकरण औऱ तबादला स्थान परिवर्तन के रूप में देखे गये है।
ताजा मामला राजेन्द्र प्रसाद यादव,सहायक अभियंता, विद्युत वितरण खंड-तृतीय सैदपुर का अधिशासी अभियन्ता के पद पर प्रमोशन के बाद तबादला पूर्वांचल निगम से दक्षिणांचल निगम दिनांक-15.10.24 को किया जा चुका है।
पूर्वांचल निगम द्वारा आज तक राजेन्द्र प्रसाद यादव,अधिशासी अभियन्ता को रिलीव नही किया गया।
सूत्रों के अनुसार पूर्वांचल प्रबंधन की सहमति/रिलीविंग में ग्रेस टाइम मिलते ही स्थानांतरित अधिषासी अभियन्ता पूर्वांचल निगम में ही नियुक्ति की चाह में अपना तबादला रुकवाने के लिए UPPCL मुख्यालय, लखनऊ में डेरा डाले हुए है।
पूर्वांचल के चहेते अधिशासी अभियन्ता, राजेन्द्र प्रसाद यादव जनपद-चंदौली औऱ गाजीपुर में अपनी सहायक अभियंता के रूप में तैनाती के दौरान काफी चर्चित रहे है भ्रष्टाचार के कई मामले में सुर्ख़ियों में रहने के बावजूद पूर्वांचल के चाहतों की लिस्ट में रहने के कारण जनाब बाइज्जत बरी होते रहे।
भ्र्ष्टाचार और भ्र्ष्टाचारियो के विरुद्ध युद्ध अभी शेष है