विद्युत विभाग:प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में विभाग के पूर्व डैडी के कारनामे:पूर्व चेयरमैन एम०देवराज ने दिखया था शक्ति भवन से बाहर का रास्ता:आकड़ो की बाजीगरी में हासिल है महारथ
वाराणासी 5 मई:”””””””””””प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र में पूर्वान्चल निगम बना घोटालेबाजो/भ्रष्टाचारियो का हब””””””””’’शम्भू जरा संभव के बड़े धोखे है डैडी की राह में”””””” वाराणसीप्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन,शक्ति भवन में आकड़ो की बाजीगरी में महारत रखने में डैडी के नाम से मशहूर बाजीगर के द्वारा वाराणासी के भ्रष्टाचारियो को अभयदान देने औऱ पूर्वान्चल निगम के डामडोल वाणिज्यिक पैरामीटर को कागजो में मस्त करने लिए अरबो के कुंभ-2019 घोटाले के आरोपी पूर्वान्चल निदेशक,वाणिज्य से हाथ मिलाते हुए पूर्वान्चल निगम के बने डैडी।
ब्यूरोक्रेसी की चाटूकारिता से UPPCL के बने डैडी:वाणिज्यिक मामलों में दिखाई खासी दिलचस्पी
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में पूर्वान्चल निगम के निदेशक,कार्मिक प्रबंधन एव प्रशासन आर०के०जैन सूत्रों की खबरों के अनुसार कालांतर में ब्यूरोक्रेसी में अपनी चाटुकारिता की कला से निपुणता की वजह से UPPCL के चेयरमैन,आईएएस संजय अग्रवाल के स्टाफ ऑफिसर की गद्दी प्राप्त कर कारपोरेशन मुख्यालय में डैडी के नाम से मशहूर हुए उस समय के कारपोरेशन के निदेशक,वाणिज्य, संजय सिंह को साथ लेकर प्रदेश के लिए पावर पर्चेसिंग में विभाग को खूब चपत लगाई औऱ विद्युत विभाग के सभी निगमो के CS-3/CS-4 को आकड़ो को बाजीगरी कर विभाग को कागजो में दुरुस्त रख ब्यूरोक्रेसी को दिवास्वप्न में रखा।
पूर्व चेयरमैन एम०देवराज ने दिखया शक्ति भवन से बाहर का रास्ता:PP की जाँच को किया डिब्बा बंद
कारपोरेशन मुख्यालय में ब्यूरोक्रेसी के परिवर्तन के बाद पूर्व चेयरमैन को डैडी जैन जी के भ्रष्टाचार की जानकारी होने के बाद डैडी को शक्ति भवन मुख्यालय से बाहर का रास्ता दिखाते हुए अपने मूल पद अधीक्षण अभियंता पर तैनाती करते हुए पूर्वान्चल निगम भेज, जंहा कई मंडलों में तैनात रहे औऱ सेवानिवृत्त हो गई। हालाकी डैडी के भ्रष्टाचार की जाँच में कई बड़ी मछलियों के फसने की संभावना से मामले को दबा कर डिब्बा बंद कर दिया गया।
निदेशक पद पर चयनिय हो कर पूर्वान्चल के बने डैडी:शम्भू को फसाया जाल में:पकड़ी वाणिज्य की कमान
डैडी द्वारा UPPCL के निदेशकों की चयन में इंटरव्यू देकर पूर्वान्चल निगम में निदेशक, कार्मिक प्रबंधन एव प्रशासन पद पर चयनिय हो कर तैनाती के बाद से अपने मूल पद को छोड़ कर वाणिज्यिक में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हुए अब पूर्वान्चल के मुखिया आईएएस शम्भू कुमार को अपने जाल में फंसा कर पूर्वान्चल के डैडी बनने में कामयाबी पाई औऱ अब पूर्वान्चल के वाणिज्यिक पैरामीटर को आकड़ो की बाजीगरी से दुरुस्त करने के दिवास्वप्न शम्भू को दिखया औऱ CS-3/CS-4 को पोर्टल पर मनुवल एंट्री करने की पाठशाला का आयोजन किया।
पूर्वान्चल निगम में चोर चोरी से जाए, हेराफेरी से न जाये कहावत का होता चित्रण/प्रदर्शन
उल्लेखनीय है कि विद्युत चोरी,लाइन लॉस काम करने,दुरुत बिजली व्यस्थाओं के लिए पूर्वान्चल में केन्द्रीय RDSS योजना के तहत अरबो रुपये के विद्युतीय कार्य किये गए, उसके बाद भी पूर्वान्चल निगम में लाइन लॉस औऱ नफा-नुकसान में अपेक्षकृत सुधार नही होने से पूर्वान्चल मुखिया शम्भू को मायाजाल में ले लिया औऱ अपनी मूल तैनाती निदेशक,कार्मिक प्रबंधन एव प्रशासन पर रहते हुए वाराणासी के बिलिंग घोटाला/70 लाख का निर्माण खण्ड का घोटाला/10 करोड़ की धनराशि हड़पने का मामला/30 करोड़ का फर्जी टेंडर घोटाला में भ्रष्टाचारियो/ नटवरलालो को फायदा देते हुए मूल की जांच न कर इधर-उधर सारे घोटालों को भटकाने के बाद निदेशक,वाणिज्य के कामो को किया जाने लगा।
उल्लेखनीय है कि पूर्वान्चल के निदेशक,वाणिज्यिक के पद पर अरबो के कुम्भ-2019 घोटाले के आरोपी विराजमान है।
विभाग के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार कल दिनांक-4 मई की CS-3/CS-4 पर अभियंताओ की पाठशाला का आयोजन डैडी के दिशा निर्देश के बाद हुआ।
पूर्वान्चल में एक से बढ़ कर एक भ्रष्टाचार के महारथियों का दरबार सजा है औऱ पूर्वान्चल निगम में खंड से लेकर मुख्यालय तक व्याप्त भ्रष्टाचार औऱ घोटालों की खबरों के बीच उपभोक्ता बिलिंग औऱ मीटरों से परेशान है।
वैसे यह दुर्भाग्य है कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में तमाम योजनाओं और विभागीय भ्र्ष्टाचार पर समूचे डिस्काम में कोई मीडिया ब्रीफिंग करने के लिए मौजूद नही है और प्रबंधन हमेशा गंभीर मुद्दों पर कन्नी काटने नजर आता है।
भ्र्ष्टाचार और भरस्टाचारियो के विरुद्ध युद्ध अभी शेष है