विद्युत विभाग:बीजेपी नेता पर विद्युत चोरी FIR मामले में अवर अभियंता विमल मौर्य निलंबित: UPESC-2005 के उल्लघंन पर कार्यवाही:शम्भू की प्रथम दृष्ट्या पर उठे सवाल
वाराणासी 29 सितंबर:””””शम्भू की प्रथम दृष्टया दृष्टि को लगा निकट दृष्टि रोग””””
खबर का असर
विजलेंस टीम के अवर अभियंता के निलंबन की ख़बर में उपभोक्ता की आवाज के द्वारा उठाये गये सवाल””खराब मीटर की शिकायत पर उपभोक्ता के परिसर पर खराब मीटर उतरते समय ही नया मीटर लगाने का नियम है न की खराब मीटर उतार कर डायरेक्ट बिजली सप्लाई देने का”” का असर।
प्रबंध निदेशक की प्रथम दृष्टया कार्यवाही
वाराणासी में बीजेपी नेता पर बिजली चोरी की FIR होने के बाद मचे बवाल में प्रबंध निदेशक ने जहां एक तरफ विजलेंस टीम,वाराणासी के अवर अभियंता विकाश दुबे को प्रेस-विज्ञप्ति के अनुसार प्रथम दृष्टया उपभोक्ता को मानसिक परेशानी औऱ विभाग की छवि धूमिल करने के दोषी पाये जाने पर निलंबित किया।
सूत्रों के अनुसार बिजलेंस टीम द्वारा बीजेपी नेता से घूस माँगने औऱ बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा बिजली थाने में हंगामे की खबर बीजेपी संगठन तक पहुँची,संगठन के पदाधिकारियों ने आरोपी पर सख्त कार्यवाही की मांग की जिस पर अवर अभियंता अवर अभियंता को निलंबित किया गया।
अधीक्षण अभियंता वी०पी०कठेरिया की जांच के बाद कार्यवाही
वही दूसरी तरफ मामले में प्रथम दृष्टया की दृष्टि से दूर अधीक्षण अभियंता, विद्युत वितरण मंडल-प्रथम ने फौरी जाँच औऱ सहायक अभियंता की आख्या पर फुलवरिया/कोटवा के अवर अभियंता विमल मौर्य को विभागीय नियमो के विरुद्ध कार्यवाही करने पर निलंबित किया।
विद्युत प्रदाय संहिता-2005 के खराब मीटर कीशिकायत पर कार्यवाही करने के नियम
विद्युत प्रदाय सहिंता-2005 के नियमो/उपनियमो की माने तो 100 KVA भर से कम उपभोक्ता की खराब मीटर की शिकायत पर (खराब मीटर की जांच करना या बदलना) की जांच में मीटर जले होने की दशा में नया मीटर 3 दिनों में सहायक अभियंता,वितरण/टेस्ट को लगाने के लिये अधीकृत किया गया है वही मीटर खराब होने की दशा में नया मीटर 30 दिवसों में अधिषासी अभियन्ता, वितरण/टेस्ट को नया मीटर लगाने के लिए अधिकृत किया गया है।
वही संहिता के नियम-5.9 के उपबंध-C में स्पष्ट है कि यदि मीटर विभागीय कारणों से खराब हुआ है तो उपभोक्ता द्वारा खराब मीटर बदलने औऱ उचित कारणों सहित बिजली सप्लाई के अनुरोध पर विभाग नया मीटर लगने तक डायरेक्ट सप्लाई दे सकता है।
उक्त नियमो का उल्लंघन कर फुलवरिया/कोटवा अवर अभियंता विमल मौर्य ने बीजेपी नेता के परिसर से मीटर उखाड़ कर विद्युत सप्लाई डायरेक्ट दी थी जिसके लिये सहायक अभियंता के अनुसार अवर अभियंता विमल मौर्य ने स्वीकृति/अनुमति नही ली। अधीक्षण अभियंता के निलंबनादेश के अनुसार अवर अभियंता विमल मौर्य सहायक अभियंता की बिना स्वीकृति/अनुमति के उपभोक्ता के अनुरोध पर डायरेक्ट सप्लाई देने के अधिकृत नही है इसलिये मामले की गंभीरता के दृष्टिगत निलंबन किया गया।
*करे कोई भरे कोई:मुखिया की प्रथम दृष्टया दृष्टि निकट दृष्टि दोष रोग का शिकार विजलेंस टीम*
मामले में प्रबंध निदेशक औऱ अधीक्षण अभियंता की कार्यवाही से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बीजेपी नेता पर विद्युत चोरी की FIR के बाद मचे बवाल/हंगामे के बाद अवर अभियंता विमल मौर्य के अनाधिकृत कृत्य पर विजलेंस टीम,वाराणासी के अवर अभियंता विकास दुबे को बिना जांच के प्रबंध निदेशक द्वारा आनन-फ़ानन में प्रथम दृष्टया बली का बकरा बनाया गया।
किसको मानसिक परेशानी हुई किसकी छवि धूमिल हुई ये विचारणीय है
विजलेंस टीम का सुरू से रहा दावा:पकड़ी विद्युत चोरी
विजलेंस टीम के दावों के अनुसार IGRI पर बिजली की चोरी की सूचना पर टीम जांच के लिये गई थी वही पर बग़ल के परिसर में बिना मीटर के डायरेक्ट बिजली जुड़ी होने पर टीम द्वारा परिसर पर जांच की,विजलेंस के अवर अभियंता, विकास दुबे के अनुसार उपभोक्ता से पूछताछ की गई,मीटर बदलवाने संबंधी प्रार्थना-पत्र मंगा जो उपभोक्ता द्वार उपलब्ध नही कराया गया। चेकिंग रिपोर्ट के आधार पर विजलेंस प्रभारी ने FIR दर्ज की।
खराब मीटर की IGRS(जनसुनवाई पोर्टल) पर शिकायतो की भरमार
IGRS पर तमाम आम उपभोक्ताओं की मीटर खराब की शिकायत पर महीनों से UPESC-2005 के प्राविधानों/नियमो के अंतर्गत कार्यवाही न होने से डिफॉल्ट हो रही है वही बहुतेरों मामलों में अधिषासी अभियंताओं द्वारा”” कुछ दिनों में आप का मीटर बदल जायेगा टेस्ट के अधिकारियो को आप का मामला बता दिया गया है”” यह लिख कर निस्तारित का रहे है मुख्यमंत्री कार्यालय से फीडबैक में उपभोक्ताओं द्वारा शिकायत के गलत निस्तारण पर असंतुष्ट फीड-बैक दिया जा रहा है।
पड़ताल जारी है…..