विद्युत विभाग:मुख्यमंत्री के क्षेत्र में भ्रष्टाचार का बोलबाला: विद्युत कार्य मंडल में काला कारोबार: पूर्वान्चल निगम के तिकड़म से भ्रष्टाचारी मस्त:चेयरमैन पस्त

वाराणासी 14 जून:”””””पूर्वान्चल की काली दाल””””””””पूर्वान्चल निगम में भ्रष्टाचार की काली दाल में मुख्यमंत्री के क्षेत्र गोरखपुर के कार्य मंडल में व्याप्त भ्रष्टाचार वर्षो से चल रहा है जहाँ एक ओर चेयरमैन के आदेश को किया दरकिनार कर चेयरमैन की फटकार पर 15 मार्च को गोरखपुर कार्य मण्डल के अधीक्षण अभियंता कमलेश चंद आजाद को हटाने का आदेश किया पर डिस्काम द्वारा चेयरमैन के आदेश को दरकिनार कर अधीक्षण अभियंता को डिस्काम मुख्यालय से सम्बद्ध कर पद विस्तारण का इनाम देते हुए विद्युत कार्य मण्डल का अतरिक्त कार्यभार दे दिया। जबकी डिस्काम मुख्यालय से गोरखपुर की दूरी लगभग 250k m है तो दूसरा मामला कार्य मंडल में तैनात पूर्व अवर अभियंता वर्तमान में सहायक अभियंता के भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है। पूर्वान्चल के गोरखपुर क्षेत्र में सुर्खियां बटोर रहा है।
1 करोड़ 62 लाख से अधिक के घोटाले का आरोप:FIR 5 वर्ष बाद दर्ज
विपिन कुमार सिंह,अवर अभियंता जो UPPCL की कृपादृष्टि से करोड़ो के घोटाले के आरोपी होने के बावजूद प्रमोशन पा कर सहायक अभियंता पर प्रमोशन ले चुके है। इनके ऊपर अवर अभियंता रहते 1 करोड़ 62 लाख 25 हजारे 173 रुपये की सामग्री के गायब करने का आरोप है वर्ष 2017 से इन पर अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलित है जांच अधिकारी मुख्य अभियंता,बस्ती से ले कर अधीक्षण अभियंता, गोरखपुर/आजमगढ़ तक जांच पूरी नही कर पाये। अंत मे वर्षो बाद FIR दर्ज कराई गई।
UPPCL से लगायत PuVvnl तक भ्रष्टाचार का साम्राज्य: भ्रष्टाचारी अवर अभियंता पर मेहरबानियां:करोड़ो का घोटाला,होता प्रमोशन:खाता न वही विभाग जो करे वो सही
पंडित राज किशोर मिश्र द्वारा मुख्यमंत्री से अवर अभियंता की विभाग में दबंगई,भ्रष्टाचार औऱ विभागीय अधिकारियो द्वारा अवर अभियंता को प्रश्रय देने की शिकायत कर कार्यवाही की मांग की गई थी जो फ़ाइलो में दफन कर दी गई है।
अवर अभियंता पर वितरण गोरखपुर के अधिषासी अभियन्ता ने वर्ष-2018 में धारा-307 के तहत मुकदमा दर्ज कार्य था, बाद में सुलहनामा कर मुकदमा खत्म करवाया गया।
पुलिस प्रशासन पर कार्यवाही करने को लिखा पत्र
मामला/शिकायत जब मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश के दरबार मे गया तो वर्षो बाद घोटाले की FIR थाना-कोतवाली, खलीलाबाद में दर्ज करा दी गई औऱ मामले में पूर्वान्चल प्रबंधन, आजमगढ़, गोरखपुर के अधिकारियों औऱ पुलिस विभाग में पत्राचार में सिमट गया।अधिषासी अभियन्ता, विद्युत माध्यमिक कार्य खंड,मोहद्दीपुर, गोरखपुर ने पुलिस प्रशासन गोरखपुर को पत्र लिख कर मामले को अग्रसारित कर दिया औऱ लिखा है।
मुख्य सचिव के पत्राचार करने पर प्रकरण में FIR दर्ज करवा कर विभागीय अधिकारी अपनी टोपी पुलिस विभाग पर डाली।
भ्रष्टाचार का होता प्रमोशन
UPPCL से लेकर PuVvnl तक विभागीय कार्यवाही नही की गई अपितु करोड़ो के घोटालेबाज अवर अभियंता को सहायक अभियंता जरूर बना दिया गया।
बिना वेतन के कार्य लिया जा रहा है और विपिन कुमार सिंह बिना वेतन के कार्य कर रहे है:लूट की खुली छूट
मज़े की बात तो यह है कि जनाब विपिन कुमार,अवर अभियंता जो अब विभाग में सहायक अभियंता बन चुके है,ने पिछले 6-7 वर्षों से बिना वेतन के अपनी सेवाएं दे रहे है। विभाग ने उनका वेतन करोड़ो के घोटाले करने पर रोक रखा है।
आख़िर बिना वेतन के वर्षो से अब तक रहने पर जीविकोपार्जन कैसे हो रहा है?
*गोरखपुर कार्य मण्डल के अधीक्षण अभियंता पद विस्तारण की कहानी पर उठने लगे सवाल*
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में लगातार भ्र्ष्टाचार का डंका बजता रहता है जो मीडिया की सुर्खिया बनता है उसके बावजूद बेखोफ भ्र्ष्टाचार करने वाले निडर होकर अपनी दुकान चलाते है ताज़ा मामला गोरखपुर कार्य मण्डल का इन दिनो सुर्खिया बटोर रहा है।
चेयरमैन के आदेश को किया दरकिनार
सूत्र बताते है कि चेयरमैन की फटकार पर 15 मार्च को गोरखपुर कार्य मण्डल के अधीक्षण अभियंता कमलेश चंद आजाद को हटाने का आदेश किया पर डिस्काम द्वारा चेयरमैन के आदेश को दरकिनार कर अधीक्षण अभियंता को डिस्काम मुख्यालय से सम्बद्ध कर पद विस्तारण का इनाम देते हुए विद्युत कार्य मण्डल का अतरिक्त कार्यभार दे दिया गया जबकी डिस्काम मुख्यालय से गोरखपुर की दूरी लगभग 250k m है।
पूर्वान्चल के नायक का शातिराना अंदाज
इस तरह के आदेश पर अब चर्चाओ का बाजार गर्म है चर्चा है कि डिस्काम मुखिया के कमाऊ पूत तबादला एक्सप्रेस के स्टेशन मास्टर ने डिस्काम मुखिया को अपने साँचे में उतार कर इस तरह के चौकाने वाले आदेश कराने में कामयाबी हासिल की जिसे लेकर विभागीय किरकिरी और चर्चाओ का बाजार गर्म है।