विद्युत विभाग:वाराणसी में निजीकरण की लड़ाई को तेज करते बिजलीकर्मी:उत्पीड़नात्मक तबादले के खिलाफ 19 से अनिश्चितकालीन सत्याग्रह

वाराणसी 17 जून: प्रशासनिक आधार पर बैक डेट में श्रम संगठनों के पदाधिकारियों के उत्पीड़नात्मक स्थानांतरण का समस्त बिजलिकर्मियो ने घोर निंदा करते हुये कहा कि तत्काल ये राज्य सरकार के स्थानांतरण पॉलिसी के विपरीत आज के समस्त स्थानांतरण निरस्त नही हुये तो प्रबन्ध निदेशक कार्यालय पर जबरदस्त प्रदर्शन करेंगे बिजलीकर्मी,
पूर्वांचल के किसी भी अधिकारी ने 15जून तक स्थानांतरण नही किया है इसका मतलब अब जितने स्थानांतरण आदेश जारी होंगे वो सरकार के स्थानांतरण पॉलिसी को ठेंगा दिखाने वाला होगा,
33/11के0वी0 विधुत उपकेंद्र चौकाघाट पर दोपहर-3बजे से बिजलीकर्मीयो ने जनजागरण सभा कर बिजली के निजीकरण से होने वाले नुकसान को समझाया।
19जून से प्रबन्ध निदेशक कार्यालय पर होगा अनिश्चित कालीन सत्याग्रह आंदोलन*
*निजीकरण से बेतहाशा बिजली दरों में होगी बढ़ोतरी, कर्मचारियों की भारी कमी बनी बिजली फाल्ट को दूर करने में सबसे बड़ी बाधा,
विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उ0प्र0 के बैनर तले आज 33/11के0वी0 विधुत उपकेंद्र चौकाघाट पर दोपहर-3बजे से बिजलीकर्मीयो ने जनजागरण सभा किया जिसमे नियमित एवं संविदा बिजलिकर्मी शामिल हुये। जिनको संघर्ष समिति पदाधिकारियो ने बिजली के निजीकरण से होने वाले व्यापक नुकसान के बारे में विस्तार से बताया गया। कल दोपहर-3बजे से लेढुपुर विधुत उपकेंद्र पर होगा जनजागरण सभा।
संघर्ष समिति वाराणासी द्वारा आज राज्य सरकार के स्थानांतरण पॉलिसी के विपरीत बैक डेट में प्रबन्ध निदेशक कार्यालय से जारी स्थानांतरण आदेश , जहाँ एक ओर स्थानांतरण पॉलिसी के संगत विन्दुओं को भी दरकिनार करते हुये बिना वरिष्ठता का ध्यान रखते हुए स्थानांतरण किया गया वही दूसरी ओर संगठन पदाधिकारियो का भी नियम विरुद्ध उत्पीड़न के उद्देश्य से प्रशासनिक आधार पर किये गये स्थानांतरण से बिजलिकर्मियो में आक्रोश व्याप्त होने के कारण आज संघर्ष समिति को 24घंटे में 2 महीने पहले पांच सूत्रीय मांग पत्र पर कोई कार्यवाही न करने , अल्पवेतनभोगी संविदाकर्मियों जो बिजलिकर्मियो कि भारी कमी के कारण 16-20घण्टे वर्तमान में बिजली व्यवस्था बनाये रखने हेतु कार्य कर रहे है उनका फेसिअल अटेंडेंस को आधार बनाकर वेतन कटौती किया गया जबकि उनको न ही मोबाइल दिया गया है नही डेटा की व्यवस्था की गई है एवं नियम विरुद्ध स्थानांतरण को निरस्त नही किया गया तो दिनाँक-19जून2025 से सत्याग्रह आंदोलन करने का नोटिस दिया गया ।
गजेन्द्र श्रीवास्तव ने आज यहां जारी बयान में कहा है कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन ने बिजली दरों में बेतहाशा वृद्धि का प्रस्ताव देकर संघर्ष समिति के इस आरोप की पुष्टि कर दी है कि निजीकरण के बाद बिजली दरों में दोगुनी-तीनगुनी वृद्धि होगी।
जे0पी0एन0 सिंह ने कहा कि घाटे के भ्रामक आकड़े देकर पॉवर कारपोरेशेन ने निजीकरण के बाद आने वाले निजी घरानों की मदद के लिए बिजली दरों में बेतहाशा वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि 44 हजार करोड़ रूपये आरडीएसएस योजना में खर्च करने के बाद पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ कर कौड़ियों के मोल निजी घरानों को बेचने की साजिश है। निजी घरानों को मुनाफा दिलाने के लिए ही बिजली दरों में 45 प्रतिशत तक वृद्धि का प्रस्ताव दिया गया है।
सौरभ श्रीवास्तव ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन द्वारा दिये गये बिजली दरों में वृद्धि के प्रस्ताव से किसान, गरीब उपभोक्ता और आम उपभोक्ता सकते में आ गये हैं और अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। संघर्ष समिति ने किसानों और आम उपभोक्ताओं से इस बाबत व्यापक जनसम्पर्क अभियान तेज कर दिया है जिससे आगामी 22 जून को लखनऊ में होने वाली बिजली महापंचायत किसान, मजदूर और आम उपभोक्ता बड़ी संख्या में आये। संघर्ष समिति ने बताया कि 22 जून को होने वाली बिजली महापंचायत अपने आप में देश में एक अनूठा कार्यक्रम है जिसमें बिजली के सबसे बड़े हितधारक किसान, मजदूर और आम उपभोक्ता एक साथ आकर व्यापक जन आन्दोलन का फैसला लेंगे।
सभा की अध्यक्षता यमुना यादव ने एवं संचालन सौरभ श्रीवास्तव ने किया।
सभा को तहशीलदार यादव, राजेन्द्र जोशी,पंकज यादव,जैस कुमार,सोलंकी, राजू मौर्य,अशोक कुमार, रोहित कुमार, चतुरी,श्यामलाल आदि ने संबोधित किया।