पूर्वांचल

विद्युत विभाग:विश्वनाथ कॉरिडोर और वाराणसी स्मार्ट सिटी की स्मार्टनेस पर सवाल

वाराणासी 6 जनवरी:वाराणासी के विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा द्वारा पूर्वान्चल विद्युत वियरण निगम के अंतर्गत विश्वनाथ कॉरिडोर और वाराणसी स्मार्ट सिटी की बिजली व्यवस्था बदहाली पर सवाल उठाए वाराणासी नगरवासियों को विभिन्न वैद्युतिक समस्याओं जैसे- ट्रांसफॉर्मर का बार-बार खराब होना, गलत मीटर रीडिंग व लो – वोल्टेज इत्यादि वैद्युतिक समस्याओं पर ध्यान आकृष्ट कराते हुऐ औऱ समस्याओं के समाधान हेतु अधीक्षण अभियंताओं,नगरीय विद्युत वितरण मंडल,वाराणसी (प्रथम/द्वितीय) को पत्र प्रेषित किया।

MLC द्वारा पत्र में आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत विश्वनाथ मंदिर के क्षेत्र को कॉरिडोर में बदला गया जिसकी बिजली सप्लाई गोदौलिया पावर हाउस से कॉरिडोर को गई है,पहले 3 HT अंडरग्राउंड लाइन से सप्लाई होती थी परन्तु वर्तमान में ये तीनो लाइन ध्वस्त हो चुकी है। कॉरिडोर को बिजली सप्लाई इस समय चौक पावर हाउस से सिंगल केबल/फेस से दी जा रही है। अतः केवल एक लाइन के भरोसे पूरे विश्वनाथ कॉरिडोर की बिजली व्यवस्था है।

MLC ने पत्र में अधिकारियों को स्मार्ट सिटी में शामिल क्षेत्र में आईपीडीएस योजना की दर्जनों ध्वस्त हो चुकी है अंडर ग्राउंड एच टी/एलटी लाइन की जानकारी उपलब्ध कराई

(1) जंगमबाडी मेन HT लाइन 240mm ध्वस्त/पंचर है।
(2) काशी चाट के पास LT लाइन 95mm ध्वस्त/पंचर है।
(3) सिंधी धर्मशाला से लेकर संतोषी पापड़ वाले तक LT लाइन 95mm ध्वस्त/पंचर है।
(4) गदौलिया से बांस फाटक LT लाइन 95mm ध्वस्त/पंचर है।
(5) बड़ा देव से जालान तक HT लाइन 240MM ध्वस्त/पंचर है।
(6) विश्वनाथ गली से कोतवाल पुरम तक HT लाइन 240mm ध्वस्त/पंचर है।
(7) KCM से बंगला धर्मशाला तक HT/LT 240mm एक और 95mm 2 लाइन ध्वस्त/पंचर है।
(8) पीडीआर के पास LT लाइन 95mm ध्वस्त/पंचर है।
(9) विश्वनाथ अलंकार से डॉ0 शुक्ला के घर/क्लीनिक तक LT लाइन 95mm ध्वस्त/पंचर है।
(10) आदित्य होटल के पास LT लाइन 95mm ध्वस्त/पंचर है।

वाराणसी महानगर क्षेत्र में राजस्व वसूली/निर्बाध विद्युत आपूर्ति में बाधक बन रही हैं वैद्युतिक समस्याओ से कराया अवगत

(1) शहर में हर महीने लाखों उपभोक्ताओं को यूनिट आधारित बिजली बिल नहीं मिल रहे हैं।वाराणसी शहर सहित
पूर्वांचल में पिछले तीन महीने के अंदर आठ लाख उपभोक्ताओं को गलत यानि फर्जी बिल बांटे गए। इन्हें आरडीएफ (रीडिंग डिफेक्टिव) बिजली बिल कहते हैं।
वाराणसी सहित पूर्वांचल में लगभग 06 लाख मीटर खराब हैं। इन्हें बदलने की प्रक्रिया भी काफी धीमी है, इससे उपभोक्ता परेशान हैं। हर महीने हजारों उपभोक्ताओं को आईडीएफ बिल मिल रहे हैं।

(2) स्मार्ट मीटर का कनेक्शन काटने के बाद उपभोक्ताओं द्वारा बिल जमा करने के पश्चात ऑटोमैटिक नहीं जुड़ रहा है। इससे बिजली बिल जमा होने के बाद भी कनेक्शन जोड़वाने के लिए उपभोक्ताओं को उपकेंद्रों का चक्कर लगाना पड़ रहा है। यह सबसे बड़ी समस्या है, जो सात महीने से बरकरार है।
पावर कारपोरेशन की नई बिलिंग प्रणाली का सर्वर हमेशा ध्वस्त रहता है। इससे उपभोक्ता समय पर बिजली बिल नहीं जमा कर पा रहे हैं एवं उन्हें घंटों लाइन में भी खड़ा रहना पड़ता है। इसका क्या कारण है?

(3) स्मार्ट मीटर का भी बिल अनुमानित रीडिंग डालकर बनाया जा रहा है। इससे मीटरों में बहुत बड़ी संख्या में यूनिट रीडिंग स्टोर हो गई है तथा मीटर रीडर सभी यूनिट को एक साथ जोड़कर बिल बनाकर उपभोक्ता को भेज रहे हैं, जिससे उपभोक्ता अत्यधिक परेशान है।

(4) मीटर जलने या खराब होने पर उसे बदलने के लिए उपभोक्ताओं को कई दिन तक प्रतीक्षा करना पड़ रहा है। शहर और देहात के 11 डिवीजनों में यह समस्या बनी हुई है। मछोदरी डिवीजन में यह समस्या सबसे अधिक है। डिवीजन में सहायकअभियंता(मीटर) नहीं बैठते हैं,जबकि मुख्य अभियंता(वाराणसी) ने मछोदरी उपकेंद्र में नया कार्यालय भी खोल दिया है।
खराब मीटर को बदलने के लिए विभाग का जेएमटी(जूनियर मीटर टेस्टर) मौके पर नहीं जाता है। जेएमटी ने निजी व्यक्तियों की खुद नियुक्ति कर ली है जिसका बिजली विभाग के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। मीटर लगाने वाले कार्मिकों द्वारा
एक मीटर लगाने का ₹1000 से ₹2000 उपभोक्ताओं से जबरदस्ती वसूला जाता है तथा नहीं देने पर मीटर भी नहीं लगाए जाते हैं।

(5) बुनकरों से फिक्स रेट पर बिजली बिल नहीं जमा कराया जा रहा है। मनमाने तरीके से पैसा लिया जा रहा है,विरोध करने पर बिजली काट दी जा रही है।यह समस्या कज्जाकपुरा(अष्टम खंड), मछोदरी(तृतीय खंड), पहड़िया(सष्टम)और भेलूपुर(प्रथम) डिवीजन में है जहां बुनकरों की संख्या सबसे अधिक है। विद्युत विभाग के कर्मचारियों के मनमाने रवैये के कारण लाखों बुनकर परेशान हैं।
(6) उक्त समस्त समस्याओं के दृष्टिगत यह निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि आगामी गर्मी में वाराणसी में बिजली संकट होना तय है। शहर में सिर्फ पांच ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि की गई। इसके अलावा न तो नई लाइन बनाई गईं है और न ही नया उपकेंद्र ही बनाया गया।

करोड़ो ख़र्च के बाद भी बदहाली

निर्बाध विद्युत आपूर्ति/विद्युत उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिल देने हेतु विभिन्न सरकारों द्वारा समय-समय पर विभिन्न सरकारी योजनाओं के अंतर्गत करोड़/अरबो रुपए की धनराशि खर्च की गई परंतु वाराणसी शहर की विद्युत आपूर्ति/बिलिंग प्रणाली/मीटरिंग बदहाली में जा रही है

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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