वाराणसी 21 मई :पूर्वान्चल विद्युत वितरण निगम के भ्रष्टाचार की सुर्खियों में रहने वाले ग्रामीण मंडल,वाराणसी के बरईपुर वितरण खंड में कायम भ्रस्टाचारिओ के साम्राज्य के आगे पूर्वान्चल प्रबंधन नतमस्तक प्रतीत हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि बरईपुर वितरण खंड में फैले भ्रष्टाचार के राज के काले कारनामों का खुलासा आये दिन होता रहता है चाहे वो 11 हजार लाइन औऱ 33 हजार लाइन की अवैध शिफ्टिंग हो या झटपट पोर्टल से अवैध काली कमाई हो या ठेकेदारों के उत्पीड़न हो। लगातार भ्रष्टाचार के मामलों का सामने आने से पूर्वान्चल प्रबंध द्वारा कुछ में कार्यवाही कर मामले को शांत कर दिया जाता है। वहीं एक मामले में उर्जा मुख्यालय द्वारा एक अधिषासी अभियन्ता को भ्रष्टाचार में लिप्त पाये जाने से सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है।
बरईपुर खंड के भ्रष्टाचार की कमान संभाले SDO सतीश कुमार सिंह
वैसे तो रोज पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में भ्र्ष्टाचार पर अंकुश लगाने के नए नए लतिफे रूपी फरमान जारी किए जाते है पर आश्चर्य की बात है विद्युत वितरण खण्ड द्वितीय (बरईपुर )में तैनात भ्र्ष्टाचारी उप खण्ड अधिकारी सतीश कुमार सिंह पर दर्जनों प्रमाणित भ्र्ष्टाचार के आरोप सिद्ध होने के बावजूद प्रबंधन उसके विरुद्ध करवाई क्यों नही कर रहा है विगत दिनों उपभोक्ता की आवाज द्वारा लगातार लाईन स्पटिंग, उपभोक्ताओ को कनेक्शन देने में अवैध वसूली जैसे गंभीर आरोप में जेई नागेंद्र सरोज और उप खण्ड अधिकारी सतीश कुमार सिंह के काले कारनामों को उठाता रहा,किरकिरी होते देख पूर्वान्चल प्रबंधन द्वारा जांच हुई जिसमे दोनों अधिकारी विभागीय राजस्व को छति पहुंचने एवं उपभोक्ता के उत्पीड़न के दोषी पाए गए,जांच समिति ने दोनों पर दंडनात्मक कार्यवाही की संस्तुति कर दी, पर डिस्कॉम में बैठे आका ने मामले को दबाये रखा। पर लगातार खबरों की सुर्खियों में रहने के बाद जेई नागेंद्र सरोज पर तो कार्यवाही हुई पर समूचे भ्र्ष्टाचार के सरगना उप खण्ड अधिकारी सतीश कुमार सिंह को बचाने के साथ आज तक कोई कार्यवाही नही हुई जो चर्चा का विषय बना है।
चांदी की थैली के वजन से निकला प्रबंधन का दम
पूर्वांचल के ग्रामीण डिवीजन बरई पुर में भ्र्ष्टाचार के सिद्ध आरोप के बावजूद एक रूप दो स्वरूप के रूप में खण्ड में पिछले 8 वर्षी से तैनात SDO /AER के पद से कमाई अकूत दौलत से चांदी के जूते तैयार कर लोगो के मुँह सुजाने का काम कर रहा है JE नागेन्द्र सरोज के निलंबन के साथ ही सतीश कुमार सिंह अपने ऊपर कार्यवाही से बचने के लिए सक्रिय हो गए मंडल कार्यालय, जोन कार्यालय से ले कर डिस्कॉम के गलियारों में चांदी की पोटली के साथ देखे जा रहे है।
भ्रष्टाचार के पितह्मा का प्राप्त आशिर्वाद
पर चर्चा है कि अवैध रूप से नियुक्त शक्ति भवन वाले सबसे बड़के बावू के चहेते कुम्भ घोटाले के आरोपी जो भ्रष्टाचार की वाशिंग मशीन में धुले ईमानदारी चोले को धारण कर निदेशक,वाणिज्य जो निदेशक, कार्मिक प्रशासन का अतरिक्त कार्यभार भी संभाल रखा है द्वारा भ्र्ष्टाचारी SDO को डिस्काम मुख्यालय से बुलावा भेजकर बुलाया गया था सूत्र बताते है कि सरकार को भी चांदी की पोटली के वज़न औऱ सिक्को की बौछार से सरकार को ख़ुश कर भ्रष्टाचार में लिप्त SDO अपनी एक रूप दो स्वरूप की कुर्सी (SDO/AER) पद पर आज भी क़ायम है
भ्रष्टाचार के विरुद्ध युद्घ अभी शेष है..…..