विद्युत विभाग:शम्भू के किले पर 1.50 करोड़ का जुर्माना: सिविल इकाई,वाराणसी के अधिकारियो की भ्रस्टाचारी करतूत का परिणाम:स्टेट विजलेंस भी कर रही है जाँच:

वाराणसी 27 अप्रैल:*सिविल इकाई,वाराणसी के भ्रष्टाचार की फसलों में फूटते अंकुर:शम्भू की छत्रछाया में भ्रष्टाचार की फसल की सिचाई, निराई औऱ गोड़ाई,
शम्भू राज में घोटाले औऱ भ्रष्टाचार के मामले आये दिन अख़बारों औऱ सोशल मीडिया में छाई रहती है कोई ऐसा महीना नही होता जिसमे पूर्वान्चल निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार की कहानी जनता को देखने औऱ सुनने को मिल रही है।
शम्भू राज में पूर्वान्चल निगम में भ्रष्टाचार की जड़े बड़ी मजबूती से निगम मुख्यालय से लेकर वितरण खंडों तक फैल चुकी है।
ताजा मामला सिविल इकाई पिछले वर्षो में हुए भ्रष्टाचार के अनेको मामलों में एक का है। सिविल इकाई,वाराणसी में व्याप्त भ्रष्टाचार को शम्भू के संरक्षण ने वट वृक्ष के रूप में अपनी पहचान बनाई।सिविल इकाई,वाराणसी के अनेकों भ्रष्टाचार के मामले की विभागीय जांच पूर्वान्चल निगम से लेकर कारपोरेशन तक दम तोड़ चुकी है।
परन्तु पूर्वान्चल निगम के सिविल इकाई के भ्रष्टाचार का विभाग के अलावा अन्य विभागों औऱ सरकार की स्वतंत्र जाँच एजेंसियों के सामने एक न चली सारा मामला परत दर परत खुलता जा रहा है।
अभी तो ये ट्रेलर है भ्रष्टाचार की पिच्चर बाकी है
शम्भू की आलीशान वातानुकूलित किले में भ्रष्टाचार की खुलती पोल
पूर्वांचल निगम के सिविल इकाई के अधिशासी अभियंता ने बिना मानचित्र स्वीकृत कराये प्रबंध निदेशक कार्यालय का भवन तान दिया।
इस भवन का निर्माण भिखारीपुर विद्यतु नगर परिसर में कराया गया है। बिना नक्शा के पांच मंजिला बिल्डिंग खड़ी कर देने पर वारणसी विकास प्राधिकरण ने कड़ा एक्शन लिया है।
प्राधिकरण के प्रभारी अधिकारी (मानचित्र) ने 1 करोड़ 33 लाख 9 हजार 838 रुपये की पेनाल्टी लगाई है।
सिविल विभाग के अधिशासी अभियंता अनिरुद्ध चौरसिया को नोटिस भेजा गया है। इसमें 1 करोड़ 19 लाख 39 हजार 343 रुपये जुर्माने की राशि है। जबकि, 13 लाख 70 हजार 495 रुपये लेबर सेस है।
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के नवनिर्मित प्रबंध निदेशक के आलीशान वातानुकूलित कार्यालय भवन के निर्माण में घोटाले की खबरे अख़बारों/सोशल मीडिया में छाई रहने और MLC आशुतोष सिन्हा ने बिना मानचित्र स्वीकृति के मुद्दे को विधान परिषद में उठया था। इस पर सिविल खंड तत्कालीन अधिशासी अभियंता समेत अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंता ने जवाब दिया था कि विभागीय परिसर के अंदर बनने वाले किसी भी भवन के निर्माण के लिए विभाग को प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृति तथा अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।
विकाश प्राधिकरण, वाराणसी ने सिविल इकाई से उस आदेश की कॉपी मांगी है जिसमे मानचित्र पास न करवाने के निर्देश/आदेश हो।