पूर्वांचल

विद्युत विभाग :अवर अभियंता का कारनामा:धारा-3की नोटिस भेज कर उपभोक्ता से अवैध वसूली का षड्यंत्र:अवर अभियंता औऱ लिपिक का जाल

वाराणसी 23 सितंबर:”“भ्रष्टाचार के नये नये कारनामे”””वैसे तो पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में भ्र्ष्टाचार घोटाले की कहानी पाठक और उपभोक्ताओ को पढ़ने और झेलने की मानो आदत सी पड़ गयी है: यहा के भ्र्ष्टाचारियो द्वारा बे खोप रोज नए रास्ते बनाकर भ्र्ष्टाचार को अंजाम देने के माहिर खिलाडी के रूप में देखे जा सकते है।
आज हम पाठको और डिस्काम प्रबंधन को वाराणसी के विद्युत वितरण खण्ड द्वीतीय (ग्रामीण )डिवीजन के नये और अनोखे भ्र्ष्टाचार की कहानी से अवगत कराते है वैसे आपके लोकप्रिय न्यूज उपभोक्ता की आवाज की भ्र्ष्टाचार विरोधी खबर का संज्ञान लेकर UPPCL के चेयर मैन द्वारा 2021 में यही के अधिशासी अभियंता को बर्खास्त किया था पर उसके बाद आने वाले अभियंता भी इस डिवीजन की मोटी मलाई खाने के चककर में प्रबंधन के न चाहते हुए भी भ्र्ष्टाचार के आरोपों से बेदाग नही बच सके और उन्हें भी मुंह की खानी पड़ी और एक बार फिर विद्युत वितरण खण्ड द्वितीय भ्र्ष्टाचार की सुर्खियों में आने को मचल रहा है।

ग्रामीण उपभोक्ताओ को मानसिक यातना देकर जाल में फंसा कर होता अवैध वसूली खेल

प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में डिस्काम का सबसे बड़ा रूलर का यह वितरण खण्ड है जहा सामन्य बिजली उपभोक्ताओ के साथ ही गांव के गरीब किसान मजदूर भी इस डिवीजन के बिजली उपभोक्ता है पर यहा फिल्ड में तैनात विद्युत कर्मचारी और अधिकारी अपने भ्र्ष्टाचार को अंजाम देने की नियत से इन भोलेभाले उपभोक्ताओ के साथ जल्लाद रूपी हरकत कर इनसे अवैध वसूली करते है।

उपभोक्ता से अवैध वसूली का बुना गया जाल

ताज़ा मामला उपभोक्ता को धारा-3की डिमांड नोटिस भेजने का है 33/11 उपकेंद्र, बरकी औऱ दीनदासपुर के अवर विन्रम पटेल द्वारा धारा-3 की नोटिस अपने हस्ताक्षर से उपभोक्ता को भेजे जाने का है। नोटिस के माध्यम से उपभोक्ता को शिकार बना कर खंड कार्यालय बुलाया जाता है।
वही नोटिस लेकर उपभोक्ता डिवीजन कार्यालय पहुँचता है तो कार्यालय पर मौजूद सम्बंधितविभागीय लिपिक एवं गैर विभागीय दलाल की अवैध वसूली का शिकार बनाया जाता है।
मामले में जानकारी लेने पर अधिषासी अभियन्ता ने बताया है कि धारा-3 की नोटिस खंड द्वारा भेजी जाती है। वही निदेशक,कार्मिक ने बताया कि धारा-3 पर अवर अभियंता के हस्ताक्षर गलत है बिना अधिशासी अभियन्ता के अधीकृत किये अवर अभियंता औऱ सहायक अभियंता हस्ताक्षर नही कर सकते है। जांच करा कर कार्यवाही की बात कही।

भरस्टाचार और भरस्टाचारियो के विरुद्ध युद्ध अभी शेष है 

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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