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विद्युत विभाग :निजीकरण के विरोध में आज प्रदेश के समस्त बिजलीकर्मी,पूरे दिन बाधेगें काला फीता

वाराणसी 10दिसम्बर: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर 10 दिसंबर को प्रदेश के समस्त ऊर्जा निगमों के बिजली कर्मचारी और अभियंता 10 दिसंबर को पूरे दिन काला फीता बांधकर काम करेंगे जिसके तारतम्य में कल वाराणसी के समस्त अधिकारी और कर्मचारी बिजली के निजीकरण के विरोध मे काली पट्टी बांधकर विरोध करेंगे।संघर्ष समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील की है कि ग्रेटर नोएडा और आगरा में किए गए निजीकरण के विफल प्रयोगों की समीक्षा किये बिना प्रदेश में निजीकरण का कोई और प्रयोग न किया जाये।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि 01 अप्रैल 2010 को आगरा शहर की बिजली व्यवस्था टोरेन्ट पॉवर को सौंपी गयी थी। निजीकरण के करार के अनुसार पावर कारपोरेशन टोरेन्ट पॉवर को बिजली देता है। वर्ष 2023-24 में पावर कारपोरेशन ने 4.36 रूपये प्रति यूनिट की दर से टोरेन्ट पॉवर को 2300 मिलियन यूनिट बिजली दी। पॉवर कारपोरेशन ने यह बिजली रूपये 5.55 रूपये प्रति यूनिट की दर से खरीदी थी। इस प्रकार पॉवर कारपोरेशन को वित्तीय वर्ष 2023-24 में लगभग 275 करोड़ रूपये की क्षति हुई। 14 वर्षों में निजीकरण के इस प्रयोग से पॉवर कारपोरेशन को 2434 करोड़ रूपये की क्षति हो चुकी है। उल्लेखनीय है कि आगरा लेदर कैपिटल है, एशिया का सबसे बड़ा चमड़ा उद्योग है और पर्यटन का केन्द्र होने के नाते सबसे अधिक पाँच सितारा होटल आगरा में ही है। यदि आगरा शहर की बिजली व्यवस्था पावर कारपोरेशन के पास बनी रहती तो पॉवर कापोरेशन को आज आगरा से 8 रूपये प्रति यूनिट से अधिक का राजस्व मिलता।
ग्रेटर नोएडा में करार के अनुसार निजी कम्पनी को अपना विद्युत उत्पादन गृह स्थापित करना था जिसे उसने आज तक नहीं बनाया है। ग्रेटर नोएडा में इंडस्ट्रियल और कॉमर्शियल लोड 85 प्रतिशत है। इस प्रकार भारी कमाई का क्षेत्र निजी हाथों में चला गया है जिससे पॉवर कारपोरेशन को बड़ी आर्थिक क्षति हो रही है। ग्रेटर नोएडा में निजी कम्पनी किसानों को मुफ्त बिजली नहीं दे रही है। इसके अतिरिक्त घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली देने में भी निजी कम्पनी की रूचि नहीं है। इससे उपभोक्ताओं को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
संघर्ष समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री से अपील की है कि वे प्रभावी हस्तक्षेप करें जिससे पावर कारपोरेशन प्रबन्धन के निजीकरण के एकतरफा फैसले को कर्मचारियों के व्यापक हित में निरस्त किया जाये। संघर्ष समिति ने कहा है कि बिजली कर्मी सरकार का ध्यानाकर्षण करने हेतु 10 दिसम्बर को पूरे दिन काली पट्टी बांध कर कार्य करेंगे और बिजली व्यवस्था या कार्य में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं होने देंगे।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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