विद्युत विभाग :रोजाना 8-9 घंटे कटौती, कागजों पर मिल रही 22 से 23 घंटे बिजली:पावर कारपोरेशन प्रबंधन को भी भेजी जा रही फर्जी सूचना रिपोर्ट

वाराणासी 2 मई:””””””पूर्वान्चल की बिजली सप्लाई सुस्त कागजों पर दुरुस्त”””””””पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के अधिकारी बिजली आपूर्ति की गलत रिपोर्ट भेज रहे हैं। डिवीजनों से नगरीय विद्युत वितरण मंडल कार्यालय को भेजी जाने वाली रिपोर्ट में घालमेल कर रोजाना 22 से 23 घंटें आपूर्ति दिखाई जा रही है। जबकि, पिछले 15 दिनों से जिले में प्रतिदिन 8 से 9 घंटे की कटौती हो रही है।
वितरण खंडों से दोनों मंडल को दी जा रही आपूर्ति की भ्रामक सूचना
नगरीय मण्डल -प्रथम में चौकाघाट, चेतमणि, मंडुवाडीह, भेलूपुर डिवीजन से भेजी गई रिपोर्ट में 23 अप्रैल को 23 घंटे 42 मिनट बिजली आपूर्ति दर्शायी गई है। इसी तरह 24 अप्रैल को 23 घंटे 45 मिनट, 25 को 23 घंटे 47 मिनट, 26 को 23 घंटा 26 मिनट, 27 को 23 घंटा 37 मिनट, 28 को 23 घंटा 42 मिनट और 29 को 23 घंटे 47 मिनट आपूर्ति की रिपोर्ट भेजी है। वहीं, नगरीय मंडल-द्वितीय के मछोदरी, कज्जाकपुरा, चौक और पहडिया डिवीजन से भी कमोवेश ऐसी तरह की रिपोर्ट भेजी जा रही है।
कटौती की बात करें तो पिछले एक सप्ताह के अंदर हुकुलगंज में दो घंटे, मंडुवाडीह चौराहे पर तीन घंटे, डाफी में तीन घंटे, सिगरा में दो की सप्लाई बाधित रही।
आश्चर्य करने वाली बात यह है कि डिवीजन से भेजी जा रही बिजली आपूर्ति रिपोर्ट को चेक नहीं किया जाता है। ऐसा नहीं है कि मंडल के अधीक्षण अभियंताओं को जिले में हो रही कटौती की जानकारी नहीं है। इसके बावजूद उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट तस की तस भेज दी जाती है।
मुख्य अभियंता का दावा सही रिपोर्ट भेजी जाती है
वही मुख्य अभियंता, वाराणासी क्षेत्र-प्रथम का कहना है कि फीडरों पर दर्ज टाइमिंग से बिजली आपूर्ति की रिपोर्ट बनाई जाती है। इसमें गड़बड़ी नहीं की जाती।
बिजली कटौती बनी नासूर, रतजग्गा कर रहेलोग:ट्रपिंग विहीन विद्युत आपूर्ति के दावे हवाहवाई
बिजली कटौती नासूर बनती जा रही है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में अघोषित कटौती शुरू हो गई है। एक दिन भी ऐसा नहीं है कि बिजली नहीं कट रही हो। एक बार लाइट कटी तो कब आएगी, इसका कोई ठिकाना नहीं है। रात हो या दिन किसी भी वक्त बिजली गुल हो जाती है। ट्रिपिंग के चलते दिनभर में 20 से 30 आर बिजली गुल होना आम बात है। ग्रामीण इलाके के लोग बिजली का संकट तो झेल ही रहे हैं। उसके साथ-साथ लो वोल्टेज कर समस्या से भी जूझ रहे हैं। रात में बिजली उपकरण शोपीस साबित होते हैं। कूलर-पंखा का हवा नहीं लगता है। लोगों को मजबूरी में कूलर बंद करना पड़ता है।
उपकेंद्र हो रहे ओवरलोड:फीडर ट्रिपिंग से जनता परेशान
पूर्वान्चल प्रबंधन की ओर से बेहतर इंतेजाम नहीं किया जाने से अभियंताओं को नर्बिाध बिजली आपूर्ति करने में नाको चने चबाने पड़ रहे हैं। सोमवार रात मंडुवाडीह डिवीजन से जुड़े इलाके में फिर आपूर्ति बाधित रही। डिवीजन से जुड़े कई उपकेंद्र ओवरलोड हो गए थे। इसके चलते हर पांच-पांच मिनट में आपूर्ति बाधित हो रही थी। ब्रिजइंक्लेव, चितईपुर आदि इलाके में गंभीर बिजली संकट रहा।
हुकुलगंज में शाम से शुरू हुई ट्रिपिंग भोर तक हो रही। यहां थोड़ी थोड़ी देर में ट्रिपिंग हो रही थी। लेकिन बिजली आधे से एक घंटे के बाद मिल रही थी। मंगलवार को यहां ट्रिपिंग होती रही। वरुणा पार इलाके में रात में जमकर कटौती हुई। कटौती के चलते लोगों को अपने-आपने घरों के बाहर निकलना पड़ा। पन्ना लाल पार्क, शक्तिपीठ, लेढ़ूपुर, पंाडेयपुर, मछोदरी, तरना समेत कई उपकेंद्रों से कटौती हुई।
रोजाना जल रहे 4 से 5 ट्रांसफार्मर
ओवरलोडिंग से रोजाना 4 से 5 ट्रांसफार्मर जल रहे हैं। पिछले तीन दिनो में सामने घाट, मदनपुर और बेनियाबाग पार्क में लगा ट्रांसफार्मर फुंक गए। इसके चलते यहां पर पांच से छह घंटें आपूर्ति बाधित रही। ट्राली ट्रांसफार्मर से यहां सप्लाई की जा रही है। सामनेघाट पर पर रोड पर ही ट्राली ट्रांसफार्मर लगा दिया गया है।
केसरीपुर उपकेंद्र से सोमवार को 22 घंटे आपूर्ति बाधित थी। इसके चलते केसरीपुर कॉलोनी में लगभग 150 घर, भास्कर तालाब के समीप लगभग 100 घर, गोविंदपुर न्यू कॉलोनी में लगभग 150 घर और नरउर में लगभग 100 घरों में बिजली बंद रही। सोमवार दोपहर 12 बजे पोल लगाने के लिए शट डाउन लिया गया। रात 7 बजे आपूर्ति दी गई। इसके बाद दोबारा रात 8 बजे से लेकर मंगलवार की सुबह 6 बजे तक मरम्मत का कार्य चलता रहा।