विद्युत विभाग में व्याप्त भ्र्ष्टाचार से परेशान दलित महिला को न्याय दिलाने के लिए आगे आए एमएलसी विशाल सिंह चंचल
वाराणसी 4 नवंबर :जनपद गाजीपुर विद्युत विभाग में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि पिछले दिनों 23 अगस्त 2024 को एक प्रॉपर्टी डीलर को लाभ दिलाने के लिए एसडीओ जंगीपुर सत्यम त्रिपाठी, जूनियर इंजीनियर उमाशंकर कुशवाहा एवं एक अन्य क्षेत्रीय लाइनमैन द्वारा ग्राम चकईसा उर्फ बकराबाद पोस्ट महाराजगंज स्थित एक प्लाट के ऊपर से गुजर रही 11 केवी की लाइन को बिना एस्टीमेट के रातों रात शिफ्ट करके प्रॉपर्टी डीलर की जमीन को खाली कराकर नाजायज लाभ पहुंचाया गया। बात यहीं तक रहती तो कोई बात नहीं थी, किंतु उक्त शिफ्ट लाइन इसी गांव की महिमा देवी पत्नी गोपाल राम के मकान के ऊपर कर दिया गया है जिससे उक्त गरीब अनुसूचित जाति की महिला परेशान है। जबकि महिमा देवी द्वारा जब इसकी सूचना उच्च विभागीय अधिकारियों सहित जिलाधिकारी गाजीपुर को दिया तो विभागीय अधिकारियों ने जांच शुरू किया। जांच में एसडीओ सत्यम त्रिपाठी एवं जूनियर इंजीनियर उमाशंकर कुशवाहा लाइन शिफ्टिंग में दोषी पाए गए हैं। जांच रिपोर्ट में दोषी साबित होने के बाद घबराहट एवं गुस्से में एसडीओ सत्यम त्रिपाठी, जूनियर इंजीनियर उमाशंकर कुशवाहा अपने क्षेत्रीय लाइनमैन और प्रॉपर्टी डीलर के साथ मिलकर उखाड़े गए खंबे के गड्ढे को भरकर सबूत मिटाने के लिए दिनांक 3 नवंबर 2024 को गांव पर पहुंच गए जिसका पुरजोर विरोध महिमा देवी ने किया तो एसडीओ सत्यम त्रिपाठी ने पीड़ित महिला महिमा देवी को जाति सूचक गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी दी और अंजाम भुगतने हेतु कहा। पीड़ित महिला महिमा देवी ने बताया कि एसडीओ सत्यम त्रिपाठी का कहना है कि चाहे जितना भी जोर लगा लो ₹500000 जब तक नहीं दोगी तब तक तुम्हारे घर के ऊपर जो 11केवी का लाइन कर दिया हूं, वह नहीं हटेगा।
सदर कोतवाली गाजीपुर में दलित महिला ने एसडीओ जेई लाइनमैन के विरुद्ध दिया तहरीर
उक्त महिला ने दिनांक 3 नवंबर 2024 को ही सदर कोतवाली गाजीपुर में एसडीओ सत्यम त्रिपाठी जूनियर इंजीनियर उमाशंकर कुशवाहा क्षेत्रीय लाइनमैन के विरुद्ध जाति सूचक गालियां, जान से मारने की धमकी एवं सबूत मिटाने के कार्य को देखते हुए तहरीर दिया है। पीड़ित महिला महिमा देवी ने बताया कि एमएलसी विशाल सिंह चंचल जी जो गरीब ,परेशान एवं दलितों के हमदर्द नेता हैं। उनके द्वारा मुझ परेशान दलित महिला को न्याय दिलाने के लिए जो भी प्रयास किया जा रहा है। उसके लिए दलित समाज उनका हमेशा आभारी रहेगा।अब देखना दिलचस्प है कि जांच में फंसे एसडीओ ,जूनियर इंजीनियर के विरुद्ध विभागीय अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं ? और एक मजबूर गरीब अनुसूचित जाति की महिला को परेशान करने वाले विभागीय अधिकारियों के विरुद्ध जिला प्रशासन और शासन क्या रुख अख्तियार करता है।