विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दी चेतावनी, स्मोकिंग करने वालों में 50 फीसदी बढ़ जाता है कोरोना से मौत का खतरा
31मई;
दुनियाभर में जारी कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के कहर के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने धूम्रपान करने वालों को सावधान किया है. WHO के महानिदेशक, टेड्रोस एडनॉम घेबियस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि जो लोग तंबाकू का सेवन या धूम्रपान (Smoke Tobacco) करते हैं, उनमें कोरोना के कारण होने वाली मौत के साथ अन्य बीमारियों का खतरा 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. उन्होंने कहा कि धूम्रपान करने वालों में कोरोना के साथ-साथ कैंसर, हृदय रोग और श्वसन संबंधी बीमारियों का खतरा बना रहता है.
.डॉ टेड्रोस ने कहा, “धूम्रपान करने वालों में गंभीर बीमारी के विकसित होने के साथ-साथ और कोरोना से भी मौत का 50 प्रतिशत खतरा ज्यादा होता है. ऐसी स्थिति में भविष्य में कोरोनावायरस के साथ-साथ कैंसर, हृदय रोग और श्वसन संबंधी खतरों से बचने के लिए धूम्रपान को तुरंत छोड़ दें.” उन्होंने कहा, “हम सभी देशों से WHO के अभियान में शामिल होने और तंबाकू मुक्त वातावरण (Tobacco-Free environments) बनाने के लिए अपनी भूमिका निभाने का आग्रह करते हैं WHO ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को भी किया सम्मानित लोगों को तंबाकू-धूम्रपान छोड़ने और तंबाकू मुक्त (Tobacco-Free) रहने में मदद करने के लिए, ‘क्विट चैलेंज’ व्हाट्सएप, वाइबर, फेसबुक मैसेंजर और वीचैट के जरिए छह महीने के लिए टिप्स और प्रोत्साहन सूचनाएं देता है. वहीं इस बीच, डॉ. टेड्रोस ने भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Health Minister Dr. Harsh Vardhan) को देश में ई-सिगरेट और गर्म तंबाकू उत्पादों (HTPs) पर प्रतिबंध लगाने वाले 2019 के राष्ट्रीय कानून के लिए विशेष पुरस्कार भी दिया है.
एक साल पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी थी चेतवानी एक साल पहले, धूम्रपान से कोरोना के बढ़े खतरों के संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि ‘धूम्रपान के चलते हाथ से मुंह में वायरस के पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे ऐसे लोगों के कोरोना से संक्रमित होने की संभावना भी ज्यादा होती है. मंत्रालय ने ‘भारत में कोविड-19 महामारी और तंबाकू का उपयोग’ नाम के दस्तावेज के जरिए बताया था कि धूम्रपान करने वालों में बीमारी के गंभीर लक्षण पैदा होने या कोरोना से मरने की संभावना ज्यादा होती है, क्योंकि यह मुख्य रूप से फेफड़ों पर हमला करता है.