एक झलक

सांसद अफजाल अंसारी के मामले में अब 13 मई को होगी हाईकोर्ट में सुनवाई, लोकसभा चुनाव लड़ने पर संकट के बादल

प्रयागराज 3 मई :माफिया मुख्तार अंसारी के भाई और गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी को आज बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज फिर अफजाल अंसारी की याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी.अफजाल की याचिका पर सुनवाई अब 13 मई को सुबह 10:00 बजे से होगी. यह जानकारी हाईकोर्ट के वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता अजय श्रीवास्‍तव ने दी है। हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिलने के चलते अफजाल अंसारी का चुनाव लड़ना अब मुश्किल होते दिख रहा है. अफजाल अंसारी का टिकट बदला जाना अब लगभग तय माना जा रहा है. हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं होने की वजह से समाजवादी पार्टी अफजाल अंसारी का टिकट अब बदल सकती है। पिछले साल गैंगस्टर मामले में मिली सजा के खिलाफ अफजाल अंसारी ने कोर्ट में अपील दाखिल की थी.अपील में पिछले साल 29 अप्रैल को मिली 4 साल की सजा को रद्द किए जाने की गुहार लगाई गई थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट से अफजाल अंसारी की जमानत मंजूर हो गई थी लेकिन कोर्ट ने सजा पर रोक नहीं लगाई थी.सुप्रीम कोर्ट ने अफजल की सजा पर रोक लगा दी थी और इलाहाबाद हाईकोर्ट को 30 जून से पहले अपील पर सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट से रोक लगने की वजह से ही अफजाल अंसारी की लोकसभा की सदस्यता बहाल हो गई थी. यूपी सरकार और कृष्णानंद राय के परिवार ने अफजाल अंसारी की सजा बढ़ाए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी.हालांकि यूपी सरकार की अर्जी देर से दाखिल की गई थी.अफजाल की याचिका पर सुनवाई जल्द से जल्द हो सके, इस वजह से अफजाल अंसारी के वकीलों ने यूपी सरकार की अर्जी देर से दाखिल होने पर एतराज नहीं जताया था.तकनीकी कारणों से आज होने वाली सुनवाई टाल दी गई है। 13 मई को अब अफजाल अंसारी, यूपी सरकार और कृष्णानंद राय के परिवार की अर्जियों पर एक साथ सुनवाई होगी. गाज़ीपुर सीट पर समाजवादी पार्टी ने अफजाल अंसारी को उम्मीदवार बनाया है. वहां नामांकन की आखिरी तारीख 14 मई है.ऐसे में अफजाल अंसारी का टिकट बदल जाना लगभग तय हो गया है.क्योंकि अफजाल अंसारी चुनाव तो लड़ सकते हैं, लेकिन अगर हाईकोर्ट ने उनकी सजा रद्द नहीं की तो लोकसभा चुनाव जीतने की सूरत में उनकी सदस्यता रद्द हो जाएगी.समाजवादी पार्टी इतना बड़ा रिस्क शायद ही लेना चाहेगी. सजा कम होने से भी अफजाल अंसारी को कोई राहत नहीं मिल सकेगी. क्योंकि गैंगस्टर मामले में न्यूनतम सजा दो साल की ही होती है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *