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सोशल मीडिया अकाउंट के लिए बच्चों को पैरेंट्स से लेनी होगी मंजूरी,अकाउंट को लेकर सरकार का नया प्लान

नई दिल्ली 7जनवरी :भारत में 18 साल से कम उम्र के बच्चों को अब सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाने से पहले अपने पैरेंट्स से सहमति लेनी होगी. केंद्र सरकार ने इसे लेकर मसौदा जारी किया है. सरकार के इस कदम ने अब इस बहस को एक बार फिर तेज कर दिया है कि आखिर बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखना क्यों जरूरी है? इसके फायदे और नुकसान क्या हैं? अन्य देशों में इसको लेकर क्या नियम हैं… सबसे जरूरी कि इन प्रतिबंधों से बच्चों के अधिकार कैसे प्रभावित होते हैं. टेक कंपनियों के क्या तर्क हैं?

दरअसल, बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल को लेकर जो सबसे आम तर्क दिया जाता है, वो ये कि इससे बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ रहा है. वो ऐसे कंटेंट देख रहे हैं जिसका असर उनके मेंटल हेल्थ पर पड़ रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनियाभर में 10% से अधिक किशोर सोशल मीडिया के इस्तेमाल से नकारात्मक रूप से प्रभावित होते हैं. WHO की रिपोर्ट ये भी बताती है कि वैश्विक स्तर पर जैसे-जैसे सोशल मीडिया का इस्तेमाल बढ़ रहा है. बच्चों में मानसिक और शारीरिक समस्याओं में भी इजाफा हो रहा है.
बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर दुनियाभर में लंबे समय से डिबेट हो रही है. लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने सबसे पहले अपने देश में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर बैन लगाया. साथ ही ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने उन कंपनियों पर भी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है जो बच्चों को प्रभावित करने वाले कंटेंट बनाएंगे. ऑस्ट्रेलिया के इस कदम के बाद दुनिया के कई देशों में इसे लेकर पहल शुरू हुई. न्यूजीलैंड की सरकार ने भी अपने यहां बच्चों की सोशल मीडिया से दूरी को लेकर नियम बनाने की प्रतिबद्धता जाहिर की है. इंडोनेशिया, मलेशिया, साउथ कोरिया, जापान, बांग्लादेश, सिंगापुर समेत कई ऐसे देश हैं जहां इसे लेकर बहस चल रही है. कंपनियों पर भी सख्ती की जा रही है. ब्रिटेन, फ्लोरिडा, नार्वे और फ्रांस समेत कई अन्य देशों ने भी अपने यहां बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल को लेकर पाबंदियां लगाई हैं.

बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखने के पीछे कई तर्क दिए जाते हैं. प्रोफेशनल तर्क जो दिया जाता है उसके अनुसार, इस नियम का उद्देश्य मेंटल हेल्थ रिस्क को कम करना है जो सोशल मीडिया के इस्तेमाल करने से हो रहा है. कहा जाता है कि सोशल मीडिया के इस्तेमाल से बच्चों में एडिक्शन, साइबर बुलिंग और हिंसा का खतरा बढ़ा है.

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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