ग्रेटर नोएडा वेस्ट ,भारी बिजली कटौती से परेशान निवासियों ने एनपीसीएल का किया घेराव, नेफोवा ने की बड़ी मांग
उ प्र 11जुलाई2021:गेटर नोएडा वेस्ट में भारी बिजली कटौती और ट्रिपिंग की वजह से निवासी परेशान हैं। गर्मी चरम पर है। ऐसे में लंबे वक्त तक पॉवर कट की वजह से बच्चों-बुजुर्गों का बुरा हाल हो जाता है। वर्क फ्रॉम होम भी प्रभावित होता है। घंटों तक बिजली गायब रहती है। इसको लेकर वेस्ट की कई सोसायटी के निवासी और संगठन नेफोवा के सदस्यों ने शनिवार को ग्रेटर नोएडा में स्थित एनपीसीएल ऑफिस का घेराव किया। विद्युत विभाग के अफसरों ने कहा है कि अब कम से कम बिजली कटौती की कोशिश होगी। निवासियों को किसी तरह की असुविधा नहीं होगी। बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए एनपीसीएल लगातार प्रयास कर रहा है।
नेफोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर सरकारी कागजों में “नो कट जोन” घोषित है। लेकिन यहां की बिजली आपूर्ति की हालत देख कर कुछ और ही लगता है। अगर एनपीसीएल के वितरण क्षेत्र ग्रेटर नोएडा वेस्ट की बात करें, तो पिछले कई दिनों से यहां की सोसाइटियों में बिजली आपूर्ति की स्थिति बहुत ही ख़राब है। दोपहर और रात में बिजली तो मानो आंख मिचौली खेलती है। लाइट जितनी आती नहीं, उससे ज्यादा कटी रहती है। बच्चों के ऑनलाइन क्लास और लोगों के वर्क फ्रॉम होम प्रभावित होता है। बार-बार बिजली जाने से ना तो ढंग से क्लास हो पाती है, न ही ऑफिस का काम।
नेफोवा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपांकर कुमार एवं सुमिल जलोटा ने बताया कि बिजली आपूर्ति की स्थिति ग्रेटर नोएडा वेस्ट की लगभग सभी सोसाइटियों में एक जैसा ही है। नो कट जोन होने के बावजूद गर्मियों में कई घण्टों की अघोषित बिजली कटौती से निवासियों का जीना मुहाल है। सोसाइटी के पॉवर बैकअप का दाम भी बिजली आपूर्ति के मुकाबले 3 गुना है। ऐसे में बैकअप सर्विस का इस्तेमाल भी सोच कर ही करना पड़ता है।
नेफोवा की महासचिव श्वेता भारती ने बताया कि एनपीसीएल के ऑफिस का घेराव शांतिपूर्ण रहा। एनपीसीएल के अधिकारियों ने नेफोवा को वार्ता के लिए बुलाया। बातचीत में बताया कि एनपीसीएल के पास पीक डिमांड 900 मेगावॉट की है। लेकिन इस साल एनपीसीएल को उत्तर प्रदेश विद्युत वितरण निगम से 500 मेगावॉट ही मिल रहा। इस लिए लोड शेडिंग करना पड़ता है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों में लोड शेडिंग कम से कम किया जाएगा।
इसके अलावा एनपीसीएल के अफसरों ने बताया कि 2 नए सब स्टेशन बनने हैं। नोएडा सेक्टर-123 से 100 मेगावॉट बिजली एनपीसीएल को मिलेगी। इससे ग्रेटर नोएडा वेस्ट की समस्या दूर होगी। परंतु इस प्रोजेक्ट के शुरू होने में कम से कम 2-3 साल का वक्त लगेगा। तब तक के लिए एनपीसीएल के पास कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाईराइज सोसाइटी के निवासियों ने एनपीसीएल पर कुछ गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि एनपीसीएल ने बिल्डर को जितना लोड दे रखा है, वह उससे कहीं ज्यादा आगे फ्लैट में बिजली वितरित करता है। इससे ट्रिपिंग की समस्या आती रहती है। फिक्स लोड के नाम पर हर महीने एक मोटी रकम बिल्डर अपनी जेब में डालता है।
निवासियों का कहना है कि विद्युत नियामक आयोग के स्पष्ट दिशानिर्देश के बावजूद भी बिल्डर बिजली के मीटर से मेंटेनेंस शुल्क काट रहा है। मगर एनपीसीएल बिल्डर पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। इस पर एनपीसीएल के अफसरों ने सफाई देते हुए कहा कि इसके लिए विद्युत नियामक आयोग में शिकायत दर्ज करनी होगी। सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट उनकी तरफ से मुहैया करवा दिया जाएगा। एनपीसीएल बिल्डर पर सीधे कारवाई नहीं कर सकते। वह नोटिस जारी कर सकती है। कार्रवाई के नाम पर सोसाइटी की बिजली काट सकते है। मगर इससे नुकसान वहां रह रहे निवासियों का ही होगा।
अध्यक्ष अभिषेक कुमार, महासचिव श्वेता भारती, ला-रेसिडेंशिआ से सुमिल जलोटा, पंचशील ग्रीन्स-2 से दीपांकर कुमार, गैलेक्सी नार्थ एवेन्यू से साकेत नारायण, विक्ट्री सेंट्रल से नरेश, चेरी काउंटी से सुनील सचदेव और मनीष त्रिपाठी, ग्रीनार्क से नवल किशोर, इकोविलेज-2 से राजकुमार, मोहम्मद इनाम, अनुपम मिश्रा, हवेलिआ वेलेंशिया से राहुल गर्ग, इकोविलेज-3 से मृतुन्जय झा समेत करीब 50 निवासी एनपीसीएल दफ्तर पहुंचे थे।