एक झलक

चैत्र नवरात्र 2025: शेर पर नहीं हाथी पर सवार होकर आएंगी माँ दुर्गा

18 मार्च 2025
इस साल भी चैत्र नवरात्रि की शुरुआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हो रही है। इस साल 30 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है। खास बात यह है कि इस साल मां दुर्गा शेर पर नहीं, बल्कि हाथी पर सवार होकर आएंगी। हाथी को समृद्धि, सौभाग्य और धैर्य का प्रतीक माना जाता है। इस बार अष्टमी और नवमी भी एक साथ पड़ रही है।

इस साल कलश स्थापना के दो मुहूर्त

कलश स्थापना के साथ ही मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा शुरू होती है। इस बार कलश स्थापना के दो मुहूर्त हैं। पहला मुहूर्त 30 मार्च को सुबह 6 बजकर 13 मिनट से 10 बजकर 22 मिनट तक है। वहीं, दूसरा मुहूर्त 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक है।

पूजा करने से पूरी होती है मनोकामनाएं

चैत्र नवरात्रि का पर्व हर साल बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूप शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मान्यता है कि जो भी नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा और व्रत करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

आठ दिन की ही हैं नवरात्रि

पंचांग के अनुसार इस साल 9 दिन नहीं, बल्कि 8 दिनों की ही नवरात्रि हैं। इस साल चैत्र नवरात्र में पंचमी तिथि का छय रहने के कारण एक दिन कम हो रहा है। इस साल 8 दिनों में ही मां दुर्गा की पूजा होगी।

चैत्र, शुक्ल अष्टमी प्रारम्भ – 08:12 पी एम, अप्रैल 04

चैत्र, शुक्ल अष्टमी समाप्त – 07:26 पी एम, अप्रैल 05

नवमी तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 05, 2025 को 07:26 पी एम बजे

नवमी तिथि समाप्त – अप्रैल 06, 2025 को 07:22 पी एम बजे

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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