जानिए सपा, बसपा का कैसे खेल बिगाड़ेंगे ओवैसी, इन सीटों पर चुनाव लड़ेगी
29जून2021:उ प्र में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से सियासी दांव तेज हो गई है, हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी उ प्र में अपना सियासी आधार बढाने के लिये 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, ओवैसी की नजर भले ही सूबे की मुस्लिम बहुल सीटों पर है, लेकिन पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से लेकर योगी के गढ गोरखपुर तक में चुनाव लड़ने का प्लान बनाया है।
उ प्र में करीब 20 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं, सूबे की कुल 143 सीटों पर मुस्लिम अपना असर रखते हैं, इनमें से करीब 70 सीटों पर तो मुस्लिम आबादी 20 से 30 फीसदी के बीच है, जबकि 73 सीटें ऐसी है, जहां मुसलमान 30 फीसदी से ज्यादा है, सूबे की करीब तीन दर्जन ऐसी विधानसभा सीटें है, जहां मुस्लिम उम्मीदवार अपने दम पर जीत दर्ज कर सकते हैं, करीब 107 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां अल्पसंख्यक वोटर चुनावी नतीजों को प्रभावित करते हैं, सूबे की इन्हीं सीटों पर ओवैसी की खास नजर है, जहां से चुनावी मैदान में उम्मीदवार उतारने की तैयारी है।
एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने बताया कि 2022 में पार्टी ने सूबे की जिन 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है, उन्हें चिन्हित कर लिया गया है, यूपी की 75 जिलों में से 55 जिलों की सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी है, जिनमें से ज्यादातर सीटें पश्चिमी यूपी की है, इसलिये पश्चिमी यूपी में हम अपने 60 फीसदी उम्मीदवार उतारेंगे, 30 फीसदी पूर्वांचल और सेंट्रल यूपी में हम 10 से 15 सीटों का टारगेट लेकर चल रहे हैं, जिनमें कानपुर, लखनऊ, सीतापुर और सुल्तानपुर जिले की सीटें शामिल है।
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यूपी में ओवैसी के निशाने पर शुरु से ही सपा, बसपा और कांग्रेस रही है, इसके जरिये दोनों पार्टियों को मिलने वाले मुस्लिम वोटों को झटकना है, यूपी की मौजूदा सियासत में सूबे में सपा, बसपा, कांग्रेस और मुस्लिम वोटों की सियासत करने वाले राजनीतिक दलों से मुसलमान मायूस हैं और भरोसेमंद विकल्पों की तलाश में है, ऐसे में ओवैसी मुस्लिम को एक विकल्प देने के लिये ओम प्रकाश राजभर और कुछ छोटे दलों के साथ मिलकर भागेदारी संकल्प मोर्चा बनाया है।