ट्विटर को सरकार ने दी ‘अंतिम चेतावनी’, कहा- नियम मानें नहीं तो परिणामों के लिए तैयार रहें
5जून2021:शनिवार को ट्विटर ने उपराष्ट्रपति नायडू के निजी अकाउंट से ब्लू टिक बैज हटा लिया. सरकार ने कंपनी से भारतीय अधिकारी की नियुक्ति और उसकी जानकारी साझा करने के लिए कह चुकी है. वहीं, खबर थी की गूगल (Google), फेसबुक जैसी कई कंपनियों ने सरकार को जानकारियां दे दी हैं.
नई दिल्ली 5 जून। नए आईटी नियमों को लेकर सरकार ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर को ‘आखिरी चेतावनी’ दे दी है. शनिवार को सरकार ने ट्विटर से भारतीय अधिकारी को नियुक्त करने का अंतिम मौका दिया है. साथ ही सरकार ने यह भी साफ किया है कि ऐसा नहीं करने पर कंपनी ‘परिणामों’ के लिए तैयार रहे.
केंद्र और ट्विटर के बीच लंबे समय से तकरार जारी है. आज ही कंपनी ने भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का ब्लू टिक (Blue Tick) बैज हटा दिया था. हालांकि, बाद में इसे बहाल भी कर दिया गया था.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने कहा, ‘ट्विटर को नियमों का तत्काल पालन करने के लिए अंतिम नोटिस दिया जा रहा है. ऐसा नहीं करने पर आईटी एक्ट 2000 की धारा 79 के तहत मिली छूट को खत्म कर दिया जाएगा और ट्विटर आईटी एक्ट और अन्य कानूनों के आधार पर दंड के लिए जिम्मेदार होगा.’
इससे पहले भी सरकार ने कंपनी से भारतीय अधिकारी की नियुक्ति और उसकी जानकारी साझा करने के लिए कह चुकी है. वहीं, खबर थी की गूगल, फेसबुक जैसी कई कंपनियों ने सरकार को जानकारियां दे दी हैं.
शनिवार को शुरू हुआ ब्लू टिक का खेल
शनिवार को ट्विटर ने उपराष्ट्रपति नायडू के निजी अकाउंट से ब्लू टिक बैज हटा लिया. कहा जा रहा था कि कंपनी ने यह कदम 6 महीने तक अकाउंट के निष्क्रिय होने के कारण उठाया था. कंपनी की तरफ से की गई इस कार्रवाई के बाद एक बार फिर नेताओं ने इसपर आपत्ति जताई थी. कुछ दिनों पहले ही ट्विटर ने बीजेपी के कुछ नेताओं की तरफ से किए गए ट्वीट को ‘मैनिपुलेटेड’ बता दिया था.
उपराष्ट्रपति के अलावा ट्विटर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS के प्रमुख मोहन भागवत के अकाउंट से भी ब्लू टिक हटा दिया है.
इस मामले पर संघ की तरफ से कड़ी आपत्ति आई है. संघ के एक प्रवक्ता ने कहा है कि यह ट्विटर की तरफ से अच्छा कदम नहीं था. कहा जा रहा है कि ट्विटर पर भागवत के 2 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं और उन्होंने प्लेटफॉर्म जॉइन करने के बाद से ही कोई ट्वीट नहीं किया है.
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि भागवत का अकाउंट निष्क्रिय इसलिए है, क्योंकि संघ की संचार व्यवस्था अलग है और बयान इन चैनल्स के जरिए ही जारी किए जाते हैं.