डेल्टा वेरियंट’ के अध्ययन से हुए चौंकाने वाले खुलासे, राज्य में आने वालों की हो जांच- मुख्यमंत्री
लखनऊ26जून: डेल्टा प्लस वेरियंट के संक्रमण की तीव्रता के अध्ययन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञों की टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें कहा गया है कि पहले की अपेक्षा यह वेरिंयट ज्यादा जानलेवा है। चिकित्सा विशेषज्ञों की राज्य स्तरीय सलाहकार समिति ने इससे बचाव के सम्बन्ध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक अन्य उम्र वर्ग के लोगों की अपेक्षा यह वेरियंट बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस रिपोर्ट के आधार पर अफसरों को तैयार रहने का आदेश जारी किया है। उन्होंने चिकित्सा विशेषज्ञों के परामर्श के मुताबिक बिना देरी के सभी जरूरी कदम उठाने को कहा है। साथ ही लोगों को सही एवं तथ्यपरक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए जनजागरूकता पर जोर देने को कहा है। सीएम योगी शुक्रवार को लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है। इसके बावजूद जरा सी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है। इस लिए ‘ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट’ के फॉर्मूले पर अमल जारी रखा जाए।
कोविड से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को प्रभावी ढंग से जारी रखा जाए। देश के कई राज्यों में कोविड-19 के डेल्टा प्लस वेरियंट से संक्रमित मरीज पाये जाने के बाद उन्होंने प्रदेश में अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा है। खास तौर पर डेल्टा वेरियंट के खतरे को देखते हुए सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि डेल्टा प्लस वेरियंट की गहन पड़ताल के लिए अधिकाधिक सैम्पल की जीनोम सिक्वेंसिंग करायी जाए। सीएम योगी ने प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा के लिए केजीएमयू, लखनऊ तथा बीएचयू, वाराणसी में आवश्यक व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेल, बस तथा हवाई जहाज से प्रदेश में आ रहे लोगों के सैम्पल लेकर जीनोम सिक्वेंसिंग करायी जाए। जनपदों में भी सैम्पल लिये जाएं। जांच परिणाम के अनुसार डेल्टा प्लस प्रभावी क्षेत्रों की मैपिंग कराकर जरूरी कदम उठाएं। इससे बचाव के प्रभावी प्रबन्ध सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।