पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम मे पैनल रेन्ट घोटाला, आवास आवंटन न होने से भटकता चीफ लेबल( 1)

वाराणसी 11 जुलाई : भ्रष्टाचार का अड्डा और भ्रष्टाचार में सभी नियमो को ताख पर रखकर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में भ्रष्टाचारियो की एक बड़ी फ़ौज के रूप में विभाग के सभी बड़े अधिकारियों को अनैतिक रूप से हर प्रकार की सुविधा मुहैया कराने वाले पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का जानपद / सिविल विग के ऊपर लगभग सभी की कृपा बरसती नजर आ रही है जिसका जीता जागता उदाहरण इस वक्त डिस्कॉम में देखने को मिल रहा है जानपद (सिविल) के चर्चित बड़े भ्रष्टाचारीयो के रूप में तैनात अधीक्षण अभियंता पूर्व के एक रूप दो स्वरूप जिन पर अनेको गबन के आरोपी भी है और मामला मा०लोकायुक्त की अदालत में विचाराधीन है यही नही वर्तमान में वाराणसी के मंडलायुक्त द्वारा चन्दौली के जिलाधिकारी को महोदय की जांच सौपी गयी है परन्तु इनके अधीनस्त या यूं कहें कि इनके नेतृत्व में भ्रष्टाचारीयो की एक बड़ी फ़ौज काम कर रही है और क्यों न करें जनाब के यह जलवे ही ऐसे है कि अधीक्षण अभियंता होने के बावजूद डायरेक्टर लेवल के आवास में रहते हैं परन्तु मासिक पैनल रेन्ट अधीक्षण अभियंता के लेबल के आवास का काटा जा रहा है और इनके कारनामो की श्रंखला यही नही रुकती पूर्व निदेशक कार्मिक यानि क्रोकोडाइल के यह खास दरबारी थे और लम्बे समय से पूर्वांचल डिस्कॉम मे जमे हुए है इनकी साजिशो की दास्ताने इतनी लम्बी है कि अगर लिखने बैठे तो पूरी एक श्रंखला ही बन जाऐगी वाराणसी मे ही सिविल का कोई भी काम उठा कर देख ले कोई भी मानक के अनुरुप नही मिलेगा और तो और भ्रष्टाचार करने के लिए गोरखपुर के पोल डिवीजन को बन्द करने की सिफारिश तक जनाब ने कर डाली थी । वैसे भी आवास आवंटन मे तो यह जनाब अच्छे अच्छो को नचा देते है जिसका जीता जागता उदाहरण वर्तमान मे वाराणसी शहर के नवनियुक्त मुख्य अभियन्ता का ही है कि जनाब को मुख्य अभियन्ता वो भी स्तर एक का ठोकरे खाने को मजबूर है । खैर
युद्ध अभी शेष है