पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में पांच माह से बगैर वेतन काम करते नगीना आखिर क्या है राज ?
वाराणसी8अगस्त2021: घाटे और कर्ज से लबरेज पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की कार्यशैली मे आखिर कौन सी मोहनी माया व्याप्त है कि यहा से सेवानिवृत्त अधिकारी बगैर किसी आदेश के अपने सेक्शन में बगैर वेतन के फाइलों से छेड़छाड़ करते देखे जाते है और विभागीय गाड़ियों में उन्हें डिस्कॉम से बनारस की सड़कों पर फर्राटे भरते देखा जाता है इसी कड़ी मे जिस विभाग के पास SE आईटी, EE आईटी की एक लम्बी चौड़ी फ़ौज मौजूद हो उसके बावजूद एक आईटी की तथाकथित फर्म जिसका अनुबंध विगत 10 वर्ष पूर्व समाप्त हो चुका है तो उसे एक्सटेंसन पर क्यो चलाया जा रहा था जब इस कार्यदायी संस्था की गतिविधियों की जानकारी पावर कार्पोरेशन के अध्यक्ष को दी गयी तब कही जाकर इस फर्म को एक्सटेंसन की कार्यवाही पर विराम लगा परन्तु सवाल यह उठता है कि जिस कम्पनी का अनुबंध समाप्त हो चुका हो उस कम्पनी के कर्मचारी विगत पांच माह से प्रबन्धन के महत्वपूर्ण दस्तावेजो को अपने पास रखकर किस अधिकार से काम कर रहे है और वह भी बगैर वेतन के इतना ही नहीं इस व्यक्ति को प्रबन्धन द्वरा टेण्डर अपलोड करने के साथ साथ विभाग की अति महत्वपूर्ण वीडियो कांफ्रेंसिंग कराते हुए भी देखा जाता है ।
आखिर प्रबन्धन पर क्यो छाया है अब्दुल्ला का जादू
जिस कम्पनी के कर्मचारी की हैसियत से अब्दुल्ला पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्यालय पर काम करता था उस कम्पनी के अनुबंध सभी शर्तो के अनुसार विगत पांच माह पूर्व समाप्त हो जाने के बावजूद डिस्कॉम मे बगैर वेतन के अब्दुल्ला उसी रफ्तार में गोपनीय दस्तावेजो के साथ साथ अन्य काम करते हुए खुलेआम देखा जा सकता है UPPCL के ईमादार छवि रखने वाले अध्यक्ष द्वारा विगत दिनों इस सम्बंध में पूर्वांचल के प्रबंधनिदेशक से लिखित रूप से इसकी जानकारी मांगी गयी परन्तु मामला दबा दिया गया और उसके पीछे एक लम्बी चौड़ी फ़ौज का हाथ माना जाता है क्योंकि बड़े पैमाने के भ्रष्टाचार को अंजाम तक पहुचने का माहिर मास्टर माइंड अब्दुल्ला ने विगत10 वर्षों में ताकतवर भ्रष्टाचारियो की एक फ़ौज बना लिया है जो उसके पीछे उसके बचाव के लिए काम करती है जिसके परिणामस्वरूप नगीना समूचे पूर्वांचल में भ्रस्टाचार को अंजाम देने में मशगूल देखा जा सकता है वह भी बगैर वेतन के और विभाग में आईटी के अभियन्ताओ की फ़ौज एक मात्र टियूटर टियूटर खेलती नजर आ रही हैं क्योंकि इसके बाद की कोई जिम्मेदारी उन्हें सौपी नही गयी है अंत मे हमारे सूत्र बताते है कि इस तरह की व्यवस्था किसी भी डिस्कॉम में नही है परन्तु पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम मे अधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत एक दम ठीक बैठती है आब देखना है कि अवैध रूप से नव नियुक्त प्रबंध निदेशक यानि कि बडकऊ इस मामले मे कोई ठोस कदम उठाते है या फिर इनकी अनुभवहीनता का फायदा भ्रष्टाचारीयो को उठाने का मौका मिलता है । खैर
युद्धअभी शेष है