बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी ने सुनवाई के दौरान सुनाया दर्द, कहा- ‘मेरी बैरक लगवाएं टीवी, मेडिकल सुविधाएं नहीं दे रहा जेल प्रशासन
29जून2021
उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी ने राज्य की योगी सरकार पर सौतेला और सख्त व्यवहार करने का आरोप लगाया है। मुख्तार अंसारी इस वक्त राज्य की बांदा जिला जेल में बंद है। जहां उन्हें कोई सुविधा नहीं मिल रही है। आज ऐंबुलेंस केस की सुनवाई के दौरान बाहुबली विधायक ने अपने लिए बैरक में टीवी लगवाने की मांग की। मामले की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हो रही थी।
बाराबंकी की सीजेएम कोर्ट में पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को टीवी की सुविधा मिल रही है। मगर मेरे बैरक में टीवी नहीं लगवाई गई है। जेल में मैं अकेलापन महसूस कर रहा हूं। मुख्तार ने सीजेएम से कहा कि अगर आप आदेश कर देंगे, तो मेरे बैरक में टीवी की सुविधा मिल जाएगी। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राकेश ने 5 जुलाई तक मुख्तार अंसारी की रिमांड बढ़ाने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई उसी दिन होगी। हालांकि आज कोर्ट में सुनवाई के दौरान ऐंबुलेंस केस की जांच कर रहे अधिकारी मौजूद नहीं थे।
डॉक्टर की परामर्श नहीं मान रहा जेल प्रशासन
ऑनलाइन पेशी पर मौजूद मुख्तार अंसारी ने सीजेएम कोर्ट में जज से अपनी पीड़ा बताई। विधायक ने कहा कि मेडिकल बोर्ड ने मुझे फीजियोथेरैपी का परामर्श दिया है। मगर मुझे वह जरूरी सुविधा भी बांदा जेल में नहीं मिल रही है। बांदा जेल और जिला प्रशासन मेरी स्वास्थ्य को लेकर निष्क्रिय है। वे किसी भी आदेश को मानने के लिए तैयार नहीं है। सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी ने राज्य सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का गंभीर आरोप लगाया।
ऐसे खुला ऐंबुलेंस केस का राज
सुनवाई के दौरान मुख्तार ने अपने वकील से भी बात की। बाहुबली विधायक ने पूछा कि जमानत क्यों नहीं हो रही है? उसके वकील ने कहा कि यह लो एविडेंस केस है। ऐसा राजनीतिक वजहों से हो रहा है। हालांकि कोर्ट से इजाजत लेकर वकील से बात हुई। ऐंबुलेंस केस का खुलासा तब हुआ जब, मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपड़ जेल से एंबुलेंस से मोहाली की कोर्ट में पेशी पर लाया गया। मुख्तार अंसारी इसी ऐंबुलेंस से कोर्ट में आता जाता रहा। मगर इस पर यूपी के बाराबंकी की नंबर प्लेट लगी थी। मामले ने तूल पकड़ा तो शुरुआती जांच कराई गई। इस दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए।
फर्जी कागजातों पर कराया रजिस्ट्रेशन
जांच में पता चला कि यह एंबुलेंस फर्जी दस्तावेजों पर ली गई है। फर्जी कागजात के आधार पर बाराबंकी एआरटीओ में मुख्तार के गुर्गों ने 2013 में यह ऐंबुलेंस रजिस्टर्ड कराई थी। मगर इस ऐंबुलेंस को मुख्तार अपने निजी प्रयोग में ला रहा था। UP 41 AT 7171 रजिस्टर्ड नंबर की यह एंबुलेंस मुख्तार अंसारी शुरू से इस्तेमाल कर रहा था। जांच आगे बढ़ी तो कई कड़ियां जुड़ीं। यूपी की मऊ पुलिस ने इसी साल एक अप्रैल को कोतवाली नगर में स्थित संजीवनी हॉस्पिटल की संचालिका डॉ अलका राय पर शिकंजा कसा। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। मामले की जांच में पुलिस ने मुख्तार अंसारी को भी धोखाधड़ी का आरोपी बनाया है।
मुख्तार समेत 5 जेल में हैं
मुख्तार के अलावा अलका राय के सहयोगी डॉ. शेषनाथ राय, विधायक प्रतिनिधि मोहम्मद सुहैब मुजाहिद, शाहिद, आनंद यादव और राजनाथ यादव को नामजद किया था। कार्रवाई करते हुए पुलिस ने इसमें अलका राय, शेषनाथ, आनंद यादव और राजनाथ को हवालात भेज दिया है। मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपड़ जेल से यूपी की बांदा जेल में शिफ्ट किया गया है। मामले में कई आरोपी अभी भी फरार हैं। उनकी तलाश में बाराबंकी पुलिस दबिश दे रही है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही अन्य आरोपी हिरासत में लिए जाएंगे।