भाजपा सरकार को सत्ता के काले चश्मे से कफन के बिना दफन लाशें नहीं नजर आ रही अखिलेश
लखनऊ 27 मई: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एंव पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि महज कुर्सी की चाहत में भाजपा और मुख्यमंत्री को गरीबों, अस्पतालों में तड़प रहे मरीजों की आवाज नहीं सुनाई पड़ रही है। मुख्यमंत्री जिलों का दौरा कर संक्रमण और ब्लैक फंगस पर नियंत्रण के दावे कर रहे हैं, जबकि जमीनी हकीकत बहुत दर्दनाक है। सच तो यह है कि सत्ता के काले चश्मे से शायद भाजपा नेतृत्व को कफन के बिना दफन लाशें नहीं दिखती हैं। बहरे कानों में तड़पते मरीजों की चीत्कारें नहीं सुनाई देती हैं।
अखिलेश ने आरोप लगाए कि लोगों की जिंदगी भाजपा राज में बहुत सस्ती हो गई है। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की बात तो छोड़िए राजधानी लखनऊ में और खुद मुख्यमंत्री के जिले गोरखपुर में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। संक्रमित मरीजों का ठीक से इलाज नहीं हो पा रहा है। बिना दवा, इंजेक्शन के मरीज तड़प रहे हैं। मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। याद रहे गरीब की हाय व्यर्थ नहीं जाती है।
अखिलेश ने कहा कि अभी तक 130 दिन में 35 लाख लोगों को दूसरी डोज भी नहीं लग पाई है। अगर यही रफ्तार रहेगी तो दिवाली 2021 तक यूपी में सबको टीकाकरण का लक्ष्य कैसे पूरा हो पाएगा? कई टीकाकरण केंद्रों में वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। तमाम जगहों से युवा और बुजुर्ग घंटों इंतजार के बाद लौट रहे हैं। अस्पताल में तड़प रहे मरीजों के तीमारदारों के दर्द को मुख्यमंत्री जी कहां महसूस कर पाएंगे? पूरे सिस्टम पर कालाबाजारी की कमाई का पर्दा जो पड़ा हुआ है।
अखिलेश ने कहा कि लखनऊ के चिनहट ब्लॉक के गांव जुगौरा में इसी माह 50 लोगों की मौत हो गई। गोसाईगंज क्षेत्र के यूसुफनगर बगियामऊ गांव में पिछले डेढ़ महीने में 20 से अधिक मौतें हुई हैं। मुख्यमंत्री के जिले सरदार नगर ब्लाक के गौनर गांव में ढाई महीने में 100 से ज्यादा मौतें हुई हैं। ब्रह्मपुर ब्लॉक के राजधानी गांव में एक महीने में 50 से ज्यादा लोगों की जानें गई हैं। रुद्रपुर, देवरिया के बैदा गांव में एक महीने में 20 और बलिया के सोहांव गांव में एक महीने में 42 मौतें हुई। इस सबके बावजूद प्रशासन बेखबर है।