मृत्युभोज की जगह श्रद्धांजलि सभा और वृक्षारोपण का हुआ आयोजन, मृत्यु भोज के बहिष्कार का लोगों ने लिया संकल्प_
वाराणसी 28जुलाई:(जंसा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के आराजीलाईन ब्लाक के ग्राम हरसोस निवासिनी बेचनी देवी 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। 13 दिन बाद तेरहवी का मृत्युभोज देने की जगह उनके पुत्र ने मृत्यु भोज बंद करने की पहल में तेरहवी न कर श्रद्धांजलि शोक सभा और वृक्षारोपण करने का साहसिक निर्णय लिया। मंगलवार को जिले के विभिन्न समाज के लोगों की मौजूदगी में वरिष्ठजन, रिश्तेदार व सामाजिक व राजनैतिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद हुए और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए श्रद्धा सुमन अर्पित किए। वरिष्ठ मार्गदर्शक डा. तेज़ बहादुर सिंह ने मृत्यु भोज को समाज की एक बड़ी कुप्रथा बताते हुए समाप्त करने के लिए गांव- गांव में सामाजिक लोगों को जागरुक करते हुए इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए कहा। समाज के वरिष्ठ जनों द्वारा परिवार के लोगों का स्वागत किया और कहा कि मृत्यु भोज स्वप्रेरणा से समाप्त करना है इसका हम सबको बीड़ा उठाना चाहिए। अध्यक्षता करते हुए रामलाल पटेल ने कहा कि जिले में चल रहे मृत्यु भोज बंद करने के अभियान में आपने आगे आकर जो यह निर्णय लिया है उसका हम सभी स्वागत करते है। वक्ताओं ने कहा कि हमारे धार्मिक ग्रंथों वेदों में 16 संस्कार बताए गए हैं जिसमें अंतिम वर्ष 16 संस्कार अंत्योष्टि संस्कार होता है तो 17 संस्कार यह कहां से आया। महर्षि दयानंद सरस्वती, श्रीराम शर्मा, स्वामी विवेकानंद जैसे महान लोगों ने मृत्यु भोज का विरोध किया था। श्रद्धांजलि सभा में शोकाकुल पुत्र बच्चालाल, परिवार के लोग और रिश्तेदारों के साथ आसपास के क्षेत्र के गणमान्य लोगों की मौजूदगी में वृक्षारोपण किया गया। अंत में दो मिनट का मौन रखने के बाद इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए लोगों ने संकल्प लिया है। संचालन सीता राम कश्यप ने किया। इस अवसर पर श्याम बली पटेल, राधेश्याम पटेल, गौरी शंकर पटेल, राजनाथ पटेल, राम सिंगार पटेल, डॉक्टर अशोक कुमार, उमेश चन्द्र मौर्य, पारसनाथ मौर्य, डॉक्टर महेंद्र सिंह पटेल, रमेश कुमार पटेल, राजेश पटेल, अनिल कुमार पटेल, राजकुमार गुप्ता, संजीव सिंह. अजय पटेल, मुहम्मद अनवर आदि लोग उपस्थित थे।