राजनीति

राहुल और प्रियंका ने की मृतक किसानों के परिजनो से मुलाकात

लखीमपुर7अक्टूबर:कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन एवं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लखीमपुर के तिकुनिया क्षेत्र में रविवार को हुयी हिंसा में मारे गये किसानो के परिजनो से मुलाकात की और उन्हे ढाढस बंधाया।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि गांधी और श्रीमती वाड्रा के साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और दीपेंद्र हुड्डा भी मौजूद रहे। इस दौरान सुरक्षा के सख्त इंतजाम किये गये थे। दोनाे नेता मृतक किसान लवप्रीति सिंह और नछत्तर सिंह के परिजनों से अलग अलग मिले और उन्हे सांत्वना प्रदान की। गांधी ने कहा कि उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जायेगा। कांग्रेस दुख की इस घड़ी में उनके साथ है और उनको हर तरह की मदद मुहैया करायेगी।

गांधी और श्रीमती वाड्रा हिंसा के शिकार मृतक पत्रकार रमन कश्यप के परिजनो से भी मुलाकात करेंगे। दोनो नेताओं के देर रात तक लखीमपुर में रहने की संभावना है हालांकि वह आज ही लखनऊ वापस आ जायेंगे।

इस बीच लखीमपुर जा रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट और पूर्व प्रत्याशी आचार्य प्रमोद कृष्णम को मुरादाबाद में पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पंजाब और छत्तीसगढ़ सरकार ने लखीमपुर हिंसा में मारे गये चार किसानो को 50-50 लाख रूपये की आर्थिक मदद की घोषणा की है।

इससे पहले गांधी बुधवार दोपहर पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरेजवाला,पंजाब और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों के साथ लखीमपुर जाने के लिये लखनऊ पहुंचे थे जहां अधिकारियों ने उन्हे धारा 144 लागू होने और कानून व्यवस्था का हवाला देकर प्रभावित जिले जाने की जिद छोड़ने करने का अनुरोध किया था। काफी मान मनौव्वल के बावजूद गांधी टस से मस नहीं हुये।

आखिरकार सरकार ने उनको सरकारी वाहन से लखीमपुर जाने की इजाजत दे दी मगर पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि वह पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को सीतापुर से साथ लेकर जायेंगे और अपने ही वाहन से यात्रा करेंगे। इसके अलावा गांधी को एयरपोर्ट के दूसरे गेट से निकालने की योजना था लेकिन उन्होंने कहा कि वह मेन गेट से ही जाएंगे। सरकार ने उनकी शर्त मानते हुये गांधी एवं श्रीमती वाड्रा समेत पांच नेताओं को हिंसा प्रभावित जिला जाने की इजाजत दे दी।

इसके बाद पुलिस की निगरानी में गांधी चरणजीत सिंह चन्नी,भूपेश बघेल और रणदीप सुरजेवाला के साथ अपने निजी वाहन से सीतापुर के लिये रवाना हो गये। इस बीच सरकार ने करीब 60 घंटे बाद श्रीमती वाड्रा को रिहा कर दिया और उन पर लगे सभी मामले वापस ले लिये। सीतापुर में पीएसी द्वितीय वाहिनी से श्रीमती वाड्रा को साथ लेकर गांधी का वाहन लखीमपुर के लिये रवाना हुआ।

इससे पहले लखनऊ एयरपोर्ट परिसर में और बाहर करीब चार घंटे तक हालात तनावपूर्ण रहे। एयरपोर्ट परिसर में अधिकारी गांधी को मनाने का प्रयास कर रहे थे जबकि बाहर कांग्रेसी जमकर नारेबाजी कर रहे थे। इस अफरातफरी के चलते कानपुर लखनऊ राजमार्ग पर वाहन रेंग रेंग कर चले और पुलिस को हालात नियंत्रण में रखने के लिये खासी मशक्कत करनी पड़ी।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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