कोविड-19

लोगों को समझना होगा वायरस कमजोर पड़ा है, समाप्त नहीं हुआ

 

लखनऊ7जून2021:कोरोना महामारी के दृष्टिगत प्रदेश की स्थिति हर दिन के साथ बेहतर होती जा रही है। हमारे 36 जिलों में सिंगल डिजिट में केस आये हैं। कुल एक्टिव केस घटकर 17,900 रह गए हैं। 10,141 लोग होम आइसोलेशन में उपचाराधीन हैं। हमें यह समझना होगा कि वायरस कमजोर पड़ा है, समाप्त नहीं हुआ। थोड़ी सी लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना सभी की जिम्मेदारी है।

बीते 24 घंटे में एक ओर जहां 03 लाख 10 हजार सैम्पल टेस्ट हुए वहीं मात्र 1,165 नए पॉजिटिव केस आये। बीते 24 घण्टे में पॉजिटिविटी दर 0.4 फीसदी रही, जबकि रिकवरी दर 96.7% हो चुकी है। उत्तर प्रदेश में अब तक 05 करोड़ 13 लाख से अधिक कोविड टेस्ट हो चुके हैं।

संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग को और बेहतर करने की जरूरत है। हर एक पॉजिटिव केस की पुष्टि पर उसके संपर्क में आये न्यूनतम 15 लोगों तक ट्रेसिंग-ट्रेस्टिंग कराई जाए।

कोरोना के कम होते संक्रमण दर के दृष्टिगत जिलों में कोरोना कर्फ्यू प्रभावी रखने के लिए 600 एक्टिव केस का मानक तय किया गया है। अब तक 67 जिलों को कोरोना कर्फ्यू से छूट मिल चुकी है, जबकि अद्यतन स्थिति के अनुसार जनपद वाराणसी, गौतमबुद्ध नगर, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद में कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 600 से कम हो गई है। ऐसे में सोमवार से इन जिलों में भी सप्ताह में पांच दिन सुबह 07 बजे से सायं 07 बजे तक कोरोना कर्फ्यू से छूट दी जाएगी। साप्ताहिक व रात्रिकालीन बन्दी सहित अन्य सभी संबंधित नियम इन जिलों में लागू होंगे। मेरठ, लखनऊ, सहारनपुर और गोरखपुर जनपद की स्थिति पर सतत नजर रखी जाए। इन जिलों के संबंध में मंगलवार को विचार किया जाना उचित होगा।

कोरोना से बचाव के लिए सभी प्रदेशवासियों के टीकाकरण की कार्यवाही तेजी से चल रही है। अब तक 02 करोड़ प्रदेशवासियों ने टीका-कवर प्राप्त कर लिया है। 1,66,27,059 लोगों ने पहली डोज और 36,27,433 लोगों ने दूसरी डोज दी जा चुकी है। 18 से 44 आयु वर्ग के 30 लाख युवाओं को वैक्सीनेट किया जा चुका है।

उत्तर प्रदेश की विशाल आबादी को देखते हुए हमें कोविड वैक्सीनेशन को और तेज करना होगा। जनपदवार रणनीति बनाई जाए। वैक्सीन का अभाव नहीं है। भारत सरकार के सौजन्य से कई नए वैक्सीन विकल्प भी जल्द ही उपलब्ध होंगे। जून में एक करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य है। जुलाई में इस लक्ष्य को तीन गुना तक विस्तार दिया जाना चाहिए। इसके लिए एक लाख अतिरिक्त वैक्सीनेटर तैयार किए जाएं। नर्सिंग के विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करें, अन्य विकल्प भी तलाशें।

सीएमओ, डिप्टी सीएमओ और एडिशनल सीएमओ जैसे वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों के चिकित्सकीय अनुभवों का लाभ लिया जाना चाहिए। यह सभी ओपीडी में सेवाएं देना सुनिश्चित करें। जिला अस्पताल/सीएचसी/पीएचसी में रोटेशन के साथ ओपीडी में सेवाएं दें। टेलीकन्सल्टेशन के माध्यम से लोगों को चिकित्सकीय परामर्श दें। इनका यह प्रयास अन्य चिकित्सकों के लिए प्रेरणादायी भी होगा। यह व्यवस्था तत्काल प्रभावी करा दी जाए।

स्वास्थ्य विभाग के सभी अस्पतालों में सेवारत स्टाफ निर्धारित गणवेश में ही रहे। उनके गणवेश पर उनका नाम पर पद नाम अवश्य लिखा हो, ताकि मरीज और परिजनों को सुविधा हो। प्रत्येक दशा में चिकित्सकों से प्रशासनिक अथवा प्रबंधकीय कार्य न लिया जाए। इनकी तैनाती केवल चिकित्सकीय कार्य में ही होनी चाहिए।

यह संतोषप्रद है कि कोरोना संक्रमण से हमारे गांव सुरक्षित रहे हैं। जो गांव कोरोना मुक्त हैं, वहां मनरेगा अंतर्गत गतिविधियां शुरू की जाएं। आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने जल संचय की महत्ता के दृष्टिगत “कैच द रेन” अभियान शुरू किया है। इसे जनअभियान के रूप में विस्तार देते हुए गांवों में इस दिशा में विशेष प्रयास किए जाए।एक्सप्रेस-वे के किनारे पौधारोपण कराया जाए।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *