एक झलक

विद्युत विभाग:निगमों के निजीकरण का पड़ेगा बुरा असर: निजीकरण के पक्ष में दिए जा रहे आंकड़ों की विश्वसनीयता संदिग्ध-JE संगठन

वाराणसी/लखनऊ 5 दिसंबर: पूर्वांचल तथा दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का निजीकरण किसी के हित में नहीं निजीकरण से जूनियर इंजीनियर ,विद्युत कर्मियों एवं विद्युत उपभोक्ताओं पर पड़ेगा बुरा असर:

*निजीकरण के पक्ष में दिए जा रहे आंकड़ों की विश्वसनीयता संदिग्ध
राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन ने दक्षिणांचल एवं पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण के निर्णय को विद्युत कर्मियों , जूनियर इंजीनियर एवं विद्युत उपभोक्ताओं के हितों के सर्वथा विपरीत बताया है। प्रस्तावित निजीकरण से प्रदेश के 42 जनपदों की वितरण व्यवस्था को निजी क्षेत्र में दिए जाने का प्रस्ताव है। इन 42 जनपदों में कार्यरत जूनियर इंजीनियर एवं अन्य विद्युत कर्मियों का शेष जनपदों में समायोजन कहीं से संभव नहीं दिखता। कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा प्रदेश में निर्माणाधीन संयुक्त उपक्रमों एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति जूनियर इंजीनियर एवं विद्युत कर्मियों को भेजे जाने का विकल्प कहीं समायोजन के लिए आवश्यक पद संख्या से कोसों दूर है। *वितरण कार्य के विस्तृत भौगोलिक क्षेत्र एवं बढ़ते उपभोक्ताओं की संख्या के सापेक्ष कैडर स्ट्रेंथ को कम किया जाना कार्मिकों की सेवा शर्तों को कम किए जाने की शुरुआत है, आगे स्थिति और भयावह होगी।
संगठन ने सवाल उठाया की ऊर्जा प्रबंधन द्वारा जुलाई 2024 में प्रदेश सरकार को दिए गए प्रस्तुतीकरण (PPT) में कारपोरेशन के प्रदर्शन को बेहतर बताते हुए सभी पैरामीटर में सुधार को दर्शाया गया, परंतु उसके कुछ माह बाद ही नवंबर 2024 में जारी किए गए आंकड़े (PPT) एकदम से अलग कैसे हो सकते हैं? कॉरपोरेशन द्वारा निजीकरण के पक्ष में दिए जा रहे आंकड़ों की विश्वसनीयता संदिग्ध है।
माननीय मुख्यमंत्री जी एवं ऊर्जा मंत्री जी के नेतृत्व में ऊर्जा विभाग में चलाएं गए विभिन्न अभियानों एवं सुधार कार्यक्रमों से सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए। ए०टी०एंड सी० हानियां तथा लाइन हानियां कम हुई। कॉरपोरेशन के राजस्व में पिछले वर्ष की अपेक्षा वृद्धि हुई वही आपकी अच्छी सोच एवं उपभोक्ताओं के बिलों में पार्ट पेमेंट की सुविधा से टर्नअप बढ़ा है। एक दिन में 30000 मेगावाट की विद्युत आपूर्तिकर कॉरपोरेशन ने रिकॉर्ड बनाया। ऑनलाइन प्रणाली को मजबूत कर नए कनेक्शन लेने एवं विद्युत बिलों के भुगतान को सुगम बनाया गया तथा उपभोक्ता सेवा के कार्यों में सकारात्मक वृद्धि हुई , जिसकी प्रशंसा समय-समय पर माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय ऊर्जा मंत्री जी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से की गई तथा कॉरपोरेशन ने भी इन कार्यों के लिए विद्युत कर्मियों को बधाई दी।
इन सब के बावजूद अचानक ऊर्जा प्रबंधन के गलत आंकड़ों के प्रस्तुतीकरण (PPT) के द्वारा दो बड़े डिस्कामो (पूर्वांचल/दक्षिणांचल) का निजीकरण किया जाना सर्वथा अनुचित है।* जिसके कारण दोनों डिस्कॉम में तैनात लगभग 25000 कार्मिकों/अभियंताओं का परिवार बेरोजगारी एवं उत्पीड़न का शिकार होंगे। प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी एवं ऊर्जा मंत्री माननीय ए०के० शर्मा जी से प्रभावी हस्तक्षेप कर प्रदेश के कर्मचारी एवं उपभोक्ताहित में ऊर्जा क्षेत्र के द्वारा विद्यमान वर्तमान व्यवस्था में सुधार कार्यक्रम लागू कर पावर कॉरपोरेशन के निजीकरण प्रस्ताव को निरस्त करने का अनुरोध करता है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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