विद्युत विभाग:निदेशक के पदों की भर्ती प्रक्रिया में स्क्रीनिंग/शॉर्टलिस्टिंग में विसंगति पर अभियंता संघ में मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

लखनऊ/वाराणसी 5 मार्च:अभियंता संघ के महासचिव इंजीनियर जितेंद्र सिंह गुर्जर ने जारी बयान मे बताया कि ऊर्जा निगमों में निदेशक के पदों पर साक्षात्कार के लिए स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा प्रचलित नियम/मानकों के विरुद्ध अभ्यर्थियों की स्क्रीनिंग/शॉर्टलिस्टिंग की गयी है। विभिन्न ऊर्जा निगमों में 17 निदेशकों के पदों पर आगामी 06 मार्च को होने वाले साक्षात्कार के लिए मनमाने तरीके से नए मानक/प्राविधान बना कर अभ्यर्थियों को शॉर्टलिस्ट किया गया है। शॉर्टलिस्ट किये गये कुल लगभग 54 अभ्यर्थियों में से सिर्फ 19 अभ्यर्थी विभागीय अभियंता है तथा 35 अभ्यर्थी अन्य कम्पनियों/निजी संस्थानों से है।
2. स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा ऊर्जा निगमों में कार्यरत वरिष्ठ अभियंताओं की योग्यताओं, विशिष्टताओं, परफॉर्मेंस व उनके वार्षिक गोपनीय आख्याओं (एसीआर) में प्राप्त कुल अंकों की अनदेखी कर स्क्रीनिंग/शॉर्ट लिस्टिंग की गयी है।
3. विज्ञापन में पूर्व घोषित चयन/अहर्ता के मानकों को पूर्ण करने के बावजूद कई विभागीय अभियंताओं की अकारण छँटनी की गयी है। किन मानकों/योग्यताओं को आधार बनाया गया है, वह भी पूर्व में स्पष्ट नहीं किये गए और इस प्रकार के कोई भी मानक विज्ञापन के समय भी घोषित/उल्लिखित नहीं किये गये थे। किन मानकों के आधार पर इतनी बड़ी संख्या में बाहरी व्यक्तियों को शॉर्टलिस्ट किया गया है एवं विभागीय योग्य, कर्मठ व ईमानदार अभियन्ताओं को साक्षात्कार का अवसर नहीं प्रदान किया गया है, यह भी स्पष्ट नहीं है।
4. ऐसा प्रतीत होता है कि मनमाने तरीके से पूर्व निर्धारित/अपने चहेतों को निदेशक बनाने के उद्देश्य से इस प्रकार से स्क्रीनिंग की गयी है। ऐसा संज्ञान में आया है कि ऊर्जा निगमों के निजीकरण करने की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए निजी कंपनी में कार्यरत बाहरी व्यक्तियों को निदेशक बनाये जाने के भी प्रयास किये जा रहे हैं।
5. संज्ञान में लाना है कि पूर्व में विगत वर्षों में ऊर्जा निगमों में आन्तरिक विभागीय अभियन्ताओं को वरीयता न देकर अन्य राज्यों/केन्द्र सरकार के उपक्रमों यथा उड़ीसा, महाराष्ट्र, पावर ग्रिड, एनटीपीसी लि0 आदि के अभियन्ताओं को निदेशक पदों पर चयनित किया गया परन्तु विभाग एवं उ0प्र0 सरकार की कार्य प्रणाली से अनभिज्ञ होने के कारण गैर-विभागीय निदेशकों द्वारा कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं किया जा सका है। इसके विपरीत गैर-विभागीय निदेशकों की कार्य प्रणाली से कई महीनों तक भ्रम, अनिर्णय एवं प्रशासनिक अव्यवस्था की स्थिति बनी रहती है तथा विभागीय अभियन्ताओं पर अविश्वास करते हुए उन्हें समय-समय पर हतोत्साहित भी किया जाता है जिससे कार्यरत अधीनस्थ विभागीय अभियन्ताओं के मनोबल पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसके अतिरिक्त गैर विभागीय/बाहर से नियुक्त किये गये निदेशकों हेतु उनके कार्यालय, वेतन, भत्तों, आवास/एच0आर0ए0, चिकित्सा, वाहन आदि पर अतिरिक्त व्यय होता है जिसका बोझ अन्ततः विभाग एवं उपभोक्ताओं पर ही पड़ता है, जबकि विभागीय अभियन्ताओं की निदेशक पद पर नियुक्ति करने से विभाग पर कोई अतिरिक्त व्यय भार नहीं आता है।
ऊर्जा निगमों में वर्तमान में वित्तीय दबाव के चलते यह आवश्यक है कि गैर-जरूरी खर्चे कम करने के हर सम्भव प्रयास किये जायें। विभागीय अभियन्ताओं पर पूर्ण विश्वास करते हुए उनके विभागीय कार्य प्रणाली एवं भौगोलिक संरचना के पूर्ण ज्ञान होने का लाभ भी प्राप्त किया जाना चाहिए। जहां एक ओर विभाग के साथ जुड़ाव होने से विभाग की उन्नति होती है वहीं नये अभियन्ताओं को भी अपने कैरियर में भविष्य में उच्च पदों पर जाने हेतु अच्छे कार्य करने की प्रेरणा मिलती है।
6. यह भी सादर संज्ञानित कराना है कि देश में प्रथम 50 मेगावाट, 100 मेगावाट एवं 200 मेगावाट की तापीय परियोजनाओं की स्थापना एवं देश में प्रथम 220 केवी, 400 केवी, 765 केवी पारेषण सिस्टम के निर्माण उ0प्र0 के बिजली विभाग के अभियन्ताओं के द्वारा ही किया गया है। साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के एनटीपीसी लि0 एवं पावर ग्रिड कारपोरेशन के स्थापना में भी उ0प्र0 के अभियन्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। विभाग द्वारा इन्हीं अभियन्ताओं के सहयोग से पारेषण सिस्टम निर्माण हेतु महाराष्ट्र एवं अन्य प्रान्तों को कन्सलटेंसी देने का कार्य भी किया जा चुका है।
7. अतः उपरोक्त समस्त तथ्यों के दृष्टिगत मुझे आपसे यह अनुरोध करने का निदेश हुआ है कि उक्त स्क्रीनिंग प्रक्रिया में हुयी विसंगति की जांच की जाए एवं स्क्रीनिंग प्रक्रिया में प्रयुक्त आधारों व मानकों को सार्वजनिक किया जाए व पूर्व स्क्रीनिंग प्रक्रिया को निरस्त किया जाए। अतः माननीय मुख्यमंत्री जी से अनुरोध किया है कि नई कमेटी गठित कर स्क्रीनिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाकर न्यायपूर्ण तरीके से योग्य,कर्मठ ईमानदार छवि वाले अभियंताओं की स्क्रीनिंग करने और ऊर्जा निगमों में बेहतर कार्य प्रणाली स्थापित करने व उत्कृष्ट उपभोक्ता सेवा प्रदान किये जाने हेतु विभिन्न ऊर्जा निगमों में निदेशक के समस्त रिक्त पदों पर विभागीय अभियन्ताओं का चयन करने हेतु प्रभावी हस्तक्षेप करने की कृपा करें।