एक झलक

विद्युत विभाग:पूर्वान्चल निगम का भ्रष्टाचार निगम में तब्दील होने की पिक्चर आई सामने:30 करोड़ के फर्जी टेंडर घोटाले के नटवरलाल के फ्रेम में निगम मुखिया:पूर्वान्चल की काली दाल

वाराणासी 16 मई:”””””””शम्भू का हाथ भ्रष्टाचार के साथ””””””” प्रधानमंत्री संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विधुतीय कार्यो के 30 करोड़ के फर्जी टेंडर घोटाले के नटवरलाल औऱ पूर्वान्चल निगम के मुखिया एवं पूर्वान्चल के निगम के डैडी की वायरल फोटो से पूर्वान्चल निगम का भ्रष्टाचार निगम बनने की पटकथा सामने आई।

भ्रष्टाचार के ठहाके:ये रिश्ता क्या कहलाता है

नगरीय विद्युत वितरण मंडल-प्रथम में 30 करोड़ के फर्जी टेंडर घोटाले के नटवरलाल कार्यकारी अधिकारी(लिपिक) राहुल कुमार की हँसते हुए फोटो पूर्वान्चल निगम के मुखिया के साथ वायरल होने से चर्चाओं का बाजार गर्म है , यही नही नटवरलाल की फोटो पूर्वान्चल के डैडी जैन के साथ भी दिखी।
पूर्वान्चल के मुखिया औऱ शीर्ष प्रबंधन के साथ 30 करोड़ के फर्जी टेंडर के नटवरलाल की फोटो से पूर्वान्चल निगम का भ्रष्टाचार की चारागाह होने का औऱ भ्रष्टाचारियो को संरक्षण मिलने को कही न कंही प्रमाणित करती है।

पंचायत से बीस निकला मजदूर संगठन

वैसे निगम मुखिया के साथ फोटो खिंचवा कर 30 करोड़ के फर्जी टेंडर के नटवरलाल द्वारा इसको वायरल कर अपनी ऊंची पहुँच से सभी को अवगत कराने में सफलता हासिल करने का प्रयास किया औऱ अपने विरोधियों को आईना दिखया।
उल्लेखनीय है कि 30 करोड़ के फर्जी टेंडर की जांच के लिए विद्युत मजदूर पंचायत के जिलाध्यक्ष द्वारा नटवरलाल को अन्यत्र ट्रांसफर कर मामले की जांच करवाने के लिये घमासान मचा रखा था। बाद में भ्रष्टाचार में आपसी समझौते के तहत दोनों संगठनो में मचा घमासान शांत हुआ औऱ पूर्वान्चल के डैडी जैन ने घोटाले की दिशा बदलने हुए बंद पड़ी पूर्व की जांच को आगे बढ़ाया।
उल्लेखनीय है कि किसी भी टेंडर के लिए वित्तीय अनुमोदन का औऱ क्रय/कार्य समिति के अनुमोदन देने में अधीक्षण अभियंता/मुख्य अभियंता/निदेशक एवं निगम मुखिया के हस्ताक्षर होते है। 30 करोड़ के फर्जी टेंडर घोटाले में सभी के हस्ताक्षर है, करोड़ो के फर्जी टेंडर घोटाले की जांच से पीछे हटने का मुख्य कारण है अगर जांच हो तो बड़ी-बड़ी मछलियों के नाम सामने आ सकते है। फर्जी टेंडर के प्रपत्र सार्वजनिक रूप से वायरल भी है।
उल्लेखनीय है कि 30 करोड़ के फर्जी टेंडर घोटाले के नटवरलाल कार्यकारी अधिकारी पर पूर्व में वाराणासी के उपभोक्ताओं के द्वारा कार्यकारी अधिकारी की शिकायतें किये जाने के बाद फरवरी-24 में एक जांच समिति गठित की गई थी,जिसमे एक सदस्य द्वारा जांच करने से किनारा कर लिया गया था। जिसके बाद से मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। 30 करोड़ के फर्जी टेंडर करने, उनके फर्जी प्रपत्र सार्वजनिक होने औऱ घोटाले की खबरें समाचार पत्रों में सुर्खियां बटोरने के बाद पूर्वान्चल प्रबंधन द्वारा 30 करोड़ के घोटाले को दिशा-हीन करते हुऐ बंद पड़ी जांच को दोबारा शुरू करने के लिए नई समिति का गठन किया। घोटाले के नटवरलाल औऱ मास्टरमाइंड तत्कालीन अधीक्षण अभियंता द्वारा किये गए घोटाले की जांच पर मौन धारण कर नटवरलाल की पूर्व में शिकायत की बंद पड़ी जांच को 8 माह बाद तीन शिकयतकर्ताओ को शपथ- पत्र औऱ सबूत उपलब्ध कराने हेतु पत्र भेजा।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *