पूर्वांचल

विद्युत विभाग:फर्जी टेंडर घोटालेबाज मंडल का नया कारनामा:2 संगठनो के वर्चस्व की जंग में पिस्ता संविदाकर्मी:मामले में मुख्य अभियंता का सरेन्डर:मंडल पर पहनाई टोपी

वाराणासी 27 अप्रैल:पूर्वान्चल निगम में 30 करोड़ के फर्जी टेंडर घोटाले में लिप्त नगरीय मंडल-प्रथम में मलाईदार टेंडर पटल पर नियुक्त लिपिक औऱ कार्यकारी अधिकारी(लिपिक) के बीच छिड़ी जंग से मंडल में व्याप्त भ्रष्टाचार औऱ भ्रष्ट कार्यशैली की पोल रोज खुल रही है।

संगठनो के वर्चस्व की जंग का मैदान

एक तरफ 30 करोड़ के फर्जी टेंडर घोटालेबाज नटवरलाल, कार्यकारी अधिकारी(लिपिक),राहुल कुमार के साथ विद्युत मजदूर संगठन खुल कर सामने खड़ा हुआ तो दूसरी तरफ टेंडर लिपिक गुलशन के पक्ष में विद्युत मजदूर पंचायत खड़ी नजऱ आ रही है।

वर्चस्व की जंग में पिस्ता संविदाकर्मी

ताजा मामला मंडल के केश काउंटर पर कार्यरत संविदाकर्मियों से जुड़ा है,कैश काउंटर पर कार्यरत कर्मियों को पिछले 2 माह से वेतन नही मिला। बताया गया है कि जनवरी में टेंडर की अवधि समाप्त हो गई,उसके बाद नया टेंडर नही किया गया औऱ न ही पुराने टेंडर का समय विस्तार किया गया इस बीच संविदाकर्मियों से कार्य लिया जाता रहा,सारे संविदाकर्मी विद्युत मजदूर पंचायत के सदस्य है।
संविदाकर्मियों ने वेतन देने हेतु मंडल के मुखिया को पत्र लिख कर मजदूर पंचायत को भी वेतन दिलाने का अनुरोध किया। टेंडर लिपिक ने भी फर्जी टेंडर मामले को मजदूर पंचायत को अवगत कराया था।
मजदूर पंचायत के पदाधिकारियो द्वारा पूरे मामले में मुख्य अभियंता को अवगत कराते हुए अधीक्षण अभियंता को प्रकरण में समय विस्तार का अनुमोदन मुख्य अभियंता को न भेजने वाले जिम्मेदार कार्मिक पर कार्यवाही करते हुए संविदाकर्मियों को वेतन जल्द करने के लिए पत्राचार किया।

मुख्य अभियंता का सरेन्डर: मंडल पर डाली टोपी

उल्लेखनीय है कि मुख्य अभियंता, वाराणासी ने संगठन को बताया कि हमारे पास अनुमोदन की फ़ाइल आती तो हमारे स्तर पर तत्काल अनुमोदन कर दिया जाता।
देखना दिलचस्प होगा कि संगठनो की वर्चस्व की जंग में कौन संगठन बाजी मरता है या टेंडर लिपिक/संविदाकर्मी संगठनो की जंग में सिर्फ मोहरे साबित होते है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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