विद्युत विभाग:मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ के जीरो टॉलरेंस नीति को खुलेआम चुनौती दे रहा UPPCL-जूनियर इंजीनियर संगठन

लखनऊ/वाराणसी 15 मार्च:राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन उ०प्र० के केंद्रीय अध्यक्ष इं.अजय कुमार एवं महासचिव इं बलवीर यादव ने संयुक्त बयान के माध्यम से बताया कि उप्र पावर कारपोरेशन पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल डिस्कॉम का पीपीपी मॉडल पर निजीकरण किए जाने हेतु कंसलटेंट की नियुक्ति हेतु दिनांक 15 मार्च 2025 को टेंडर बिडिंग खोले जाना न सिर्फ ऊर्जा क्षेत्र में एक महाघोटाला का आमंत्रण दिए जाना है अपितु प्रदेश में विद्युतकर्मियों, उपभोक्ताओ, किसानों के हितों के साथ खिलवाड़ किए जाने से उप्र में जानबूझकर औद्योगिक अशान्ति को बढ़ाए का आमंत्रण किए जाना दर्शाता है जो उप्र के बेहद कर्मयोगी ईमानदार यशस्वी मुख्यमंत्री जी के मंशा पर पानी फेरना एवं उप्र सरकार के जीरो टॉलरेंस नीति को सीधे चुनौती देना है।
उप्र की आम जनता के पैसे को निजी प्राइवेट घरानों को लुटाए जाने की यह प्रयास लोकतन्त्र को खुलेआम कत्लेआम और प्रदेश के विद्युत कार्मिकों के भविष्य को अंधकार की ओर ले जाने का संकेत है।
उप्र पावर कारपोरेशन लि द्वारा भ्रष्टाचार मंशा से पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल डिस्कॉम का निजीकरण किए जाने हेतु की जा रही असंवैधानिक कार्य नीति से प्रदेश के समस्त जूनियर इंजीनियर्स, अभियंताओं एवं विद्युत कर्मियों में व्यापक रोष एवं आक्रोश व्याप्त है।
संगठन ने यशस्वी मुख्यमंत्री जी से अपील किया कि उप्र पावर कारपोरेशन द्वारा असंवैधानिक रूप से पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल डिस्कॉम का किए जा रहे निजीकरण की कार्यवाही पर तत्काल रोक लगाए जाने हेतु प्रभावी कार्यवाही करने की कृपा करे,जिससे कि उप्र ऊर्जा निगमो में होने वाले एक महाभ्रष्टचार पर रोक लगाए जाने के साथ ही उप्र में विद्युत कर्मियों में व्याप्त रोष एवं असंतोष को समाप्त कर प्रदेश सरकार द्वारा ऊर्जा क्षेत्र में जारी कल्याणकारी नीतियों को धरातल पर लागू किया जाना संभव हो ।