विद्युत विभाग:मोटी रक़म लेकर रातों रात कर दी 11 हजार लाइन शिफ्ट:अधिकारियों का दीवाली धमाका सुरू:विभाग को पहुँचाते वित्तीय हानि
वाराणासी/गाजीपुर 21 अक्टूबर:””””शम्भू राज में दीवाली धमाका””””””पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में अवैध लाइन शिफ्टिंग का काला कारोबार खूब फल फूल रहा है। उपभोक्ता की आवाज के द्वारा अवैध लाइन शिफ्टिंग के काले कारोबार का भंडाफोड़ किये जाने के बाद से विगत वर्षों में कुछ हद तक इस काले कारोबार पर लग़ाम देखने को मिली।
परन्तु अवैध लाइन शिफ्टिंग में तत्काल अवैध मोटी रक़म कमाई से बहुतेरे अधिकारी इस काले कारोबार में विभाग को वित्तीय हानि पहुँचाते हुए अपना मुंह से लेकर ज़मीर तक काला करने में पीछे नही है।
पूर्वांचल के 21 जिलों में विद्युत वितरण निगम में विद्युत वितरण खंड-बरईपुर वाराणासी इस काले कारोबार में टॉप पर है उपभोक्ता की आवाज के द्वारा ख़ुलासा करने पर अधिषासी अभियन्ता से लेकर अवर अभियंताओ पर कार्यवाहीयां हो चुकी है।
ताजा मामला गाजीपुर में बिल्डर से मोटा रकम लेकर विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से चोरी चुपके HT लाइन को शिफ्ट किया गया था जिसकी शिकायत पर बैठी दूसरी जांच में सहायक अभियंता औऱ अवर अभियंता दोषी पाये जाने की ख़बर है।
विद्युत वितरण खण्ड प्रथम लाल दरवाजा के सब डिविजन जंगीपुर के उपकेंद्र अंधऊ के ग्राम बकराबाद में पोल शिफ्टिंग का मामला प्रकाश में आया है,जिसमे पीड़ित महिमा देवी ने सहायक अभियंता जंगीपुर सत्यम त्रिपाठी एवं उकपेंद्र अंधऊ के अवर अभियंता उमा कुशवाहा पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि इन दोनों अधिकारियों की मिलीभगत से प्राइवेट लाइनमैन जो अपने पिता के जगह पर कार्य करता है जो प्रदीप कुमार एवं अन्य लाइनमैनो की मिलीभगत से मेरे मकान के बगल से गुजर रहे 11 हजार लाइन को मेरे छत के ऊपर से रातों रात बिना परमिशन के मोटा रकम लेकर शिफ्ट किया गया है जिसमे पीड़ित के मकान पर खतरा बना हुआ है जो कभी भी विद्युत करेंट से परिवार के साथ हादसा हो सकता है।
मामला 23,08,2024 रात 12 बजे का है जो रातों रात 11 हजार के दो पोल को बिना परमिशन के चोरी चुपके मोटा पैसा बिल्डर से लेकर शिफ्टिंग किया गया है,जिसमे छेत्र के एसडीओ एवं जेई की मिलीभगत से यह कार्य हुआ है।
अधीक्षण अभियंता ने आरोपी अधिकारी को ही बनाया जांच अधिकारी
वही पीड़ित इस मामले में जांच के लिए मुख्यमंत्री तक शिकायत की हुई है जिसकी जांच पहला बार एसडीओ जंगीपुर सत्यम त्रिपाठी के माध्यम से हुआ था जिनके द्वारा बिना पीड़ित का बयान दर्ज किए बगैर, बिल्डर के तरफ से फर्जी रिपोर्ट लगा दिया गया वही ग्राम सभा महराजगंज के वर्तमान प्रधान के फर्जी लेटर एवं साइन करके सही से जांच नहीं किया गया।
ग्राम प्रधान ने जांच पर उठाए सवाल तो बने दूसरेजांच अधिकारी,दूसरी जांच में खुली पोल
वही पीड़ित महिमा देवी ने पुनः शिकायत अधीक्षण अभियंता से किया जिसमें फिर दुबारा जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया जिनमें दूसरे अधिकारियों को जांच करने को मिला तो बात सच सामने निकल कर आई। वही दूसरी जांच में ग्राम बकराबाद जहां पर पोल शिफ्ट हुआ है उसी मौजे के ग्राम प्रधान संजय राम द्वारा भी लिखित रूप से जिक्र किया गया है कि दो पोल को चोरी चुपके रात्रि में बिना परमिशन का शिफ्टिंग किया गया है,जिसमे पीड़ित को न्याय मिलना लाजमी है।
वही इस फर्जी पोल शिफ्टिंग की दोबारा जांच में कई अधिकारियों की कुर्सी खतरे में पड़ी हुई है,अब देखना होगा कि न्याय का तराजू किसके पक्ष में जाता है,पीड़ित के पक्ष में या भ्रष्टाचारी अधिकारियों के पक्ष में।
भ्रष्टाचार औऱ भ्रष्टाचारियो के विरुद्ध युद्ध अभी शेष है