विद्युत विभाग:राजधानी की बैठक में पूर्वांचल के वित्तीय गबन की दब गयी आवाज, नटवरलाल लेखाकार केशवेन्द्र के शातिर दिमाक के आगे प्रबंधन मौन
वाराणसी 9 अप्रैल :इन दिनों गबन और घोटाले की सुर्खियों में रहने वाले पूर्वान्चल निगम पर UPPCL के शीर्ष प्रबंधन की राजधानी की बैठक में कोई खास चर्चा होती नही सुनी गयी सूत्र बताते है कि पूर्वांचल में हुए वित्तीय घोटाले में पूर्वांचल प्रबंधन ने लेखाकार केशवेन्द्र द्विवेदी पर कार्रवाही और FIR से UPPCL प्रबंधन को अवगत कराते हुए गबन के धनराशि की रिकवरी की प्रथम लॉलीपप रूपी किस्त से अवगत कराकर अपना पल्ला झाड़ कर निकलने की कला दिखाई है और वह सफल होती नजर आरही है।
नटवरलाल स्मार्ट लेखाकार केशवेन्द्र के दिमांग के आगे प्रबंधन मौन
वैसे घोटालेबाज लेखाकार पूर्वांचल डिस्काम के वित्तीय खेलो और पेच को चुटकी बजाकर निस्तारित करने के कारण प्रबंधन में काफ़ी लोकप्रिय रहा है इतना ही नही शीर्ष प्रबंधन की काली कोठरी के सारे राज केशवेन्द्र की जानकारी होते रहे और उनको अंजाम तक पहुंचाने का मास्टर माइंड भी रहा।शायद इसी लिये गबन की घटना को कबूल करने के बाद प्रबंधन ने उसे बाइज्जत भागने का पूरा मौका दिया और आज छठे दिन भी लेखाकार प्रबंधन और पुलिस की पकड़ से बाहर है।
प्रबंधन को सेफ जोन करने की साजिस के तहत पत्नी विभाग को दिए 10लाख
सूत्र बताते है कि प्रबंधन को लेखाकार कि पत्नी ने करोड़ो के घोटाले में त्वरित 10लाख रुपए की धनराशि दे कर प्रबंधन के बचाव और अपने बचाव का रास्ता साफ कर लिया है जिसका जीता जगता प्रमाण है कि केशवेन्द्र के 7खतो में अभी सिर्फ तीन खातों की जानकारी अब तक प्रबंधन जुटा पाया है औऱ बाकी के खातों पर चुप्पी साध ली औऱ गबन के लाखों के मनी ट्रेल में नटवरलाल लेखाकार की लेखाकार पत्नी के नाम का खुलासा होने पर भी कोई कार्यवाही नही की गईसाथ ही इस घोटाले की जांच के लिए आगे किसी कमेटी का गठन तक नही किया जो चर्चा का विषय बना हुआ है।
नाम न उजागर करने की शर्त पर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि अगर ईमानदारी से इस गबन की जांच हो तो कई चेहरे बेनकाब होंगे अधिकांश लोग गबन की गहन जांच न हो इसके लिए नकाबपोशों की बैठके हो रही है निगम में सभी लोग एक दूसरे को संदिग्ध नजरो से देख रहे है।