विद्युत विभाग:गाजीपुर में रातों रात कर की गई 11 हजार लाइन शिफ्टिंग में अब लीपापोती:रिश्वत लो,रिश्वत दो की नीति:प्रबंधन तक पहुँची दीवाली की मलाई
वाराणासी/गाजीपुर 26 अक्टूबर:””””शम्भू राज में दीवाली धमाका””””””पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में इन दिनों भ्रष्टाचार में चर्चित जिला गाज़ीपुर में अवैध लाइन शिफ्टिंग का काला कारोबार खूब फल फूल रहा है।
11 हजार लाइन शिफ्टिंग की जांच में गाजीपुर में बिल्डर से मोटा रकम लेकर विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से चोरी चुपके HT लाइन को रातों रात शिफ्ट किया गया था जिसकी शिकायत पर बैठी दूसरी जांच में सहायक अभियंता औऱ अवर अभियंता दोषी पाये गये।
रिश्वत लो फिर रिश्वत दे कर बरी हो जाव की नीति पर दोषी सहायक अभियंता औऱ अवर अभियंता
सूत्रों के अनुसार अब सहायक अभियंता सत्यम त्रिपाठी द्वारा दीवाली ऑफर में चांदी के जूतों से प्रबंधन का मुंह सुजाते हुए प्रकरण को ठंडे कर दिया है। सहायक अभियंता गाजीपुर में कहते सुने जा रहे है कि मेरा कोई कुछ नही कर सकता है चाहे जितनी शिकायत कर दो।
उल्लेखनीय है कि विद्युत वितरण खण्ड प्रथम लाल दरवाजा के सब डिविजन जंगीपुर के उपकेंद्र अंधऊ के ग्राम बकराबाद में पोल शिफ्टिंग के मामले में शिकायतकर्ता श्रीमती महिमा देवी ने सहायक अभियंता जंगीपुर सत्यम त्रिपाठी एवं उकपेंद्र अंधऊ के अवर अभियंता उमा कुशवाहा पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि इन दोनों अधिकारियों की मिलीभगत से प्राइवेट लाइनमैन जो अपने पिता के जगह पर कार्य करता है जो प्रदीप कुमार एवं अन्य लाइनमैनो की मिलीभगत से मेरे मकान के बगल से गुजर रहे 11 हजार लाइन को मेरे छत के ऊपर से रातों रात बिना परमिशन के मोटा रकम लेकर शिफ्ट किया गया है।
वही इस फर्जी पोल शिफ्टिंग की दोबारा जांच में कई अधिकारियों की कुर्सी खतरे में पड़ने के कारण भ्रष्टाचारियो द्वारा मामले में लीपापोती किया जाने लगा।
गाज़ीपुर के विभागीय कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत बीजेपी के एक पूर्व विधानसभा प्रत्याशी के द्वारा मुख्यमंत्री को की गई है जिसकी जांच भी प्रचलित है।
भ्रष्टाचार औऱ भ्रष्टाचारियो के विरुद्ध युद्ध अभी शेष है