विद्युत विभाग:”””सावधान”””””पूर्वान्चल निगम में भ्रष्टाचारी नटवरलालों के साथ ठग सक्रिय:एक से बढ़कर एक कारनामो से पूर्वान्चल निगम सुर्खियों में
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वाराणासी 22मई:पूर्वान्चल निगम मुख्यालय में एक तरफ UPPCL चेयरमैन समीक्षा बैठक ले रहे थे तो वही पर एक तरफ पुलिस एक ठग को ढूंढ रही थी।
पूर्वान्चल निगम में भ्रष्टाचार की जड़ो का गहराई पकड़ने औऱ उन जड़ो को पानी देने वाले प्रबंधन के आकाओं की छत्रछाया में जन्मे नटवरलालों के द्वारा करोड़ो की हेराफेरी औऱ फर्जी टेंडर घोटाले के मास्टरमाइंडो के उच्च लेबल पर व्याप्त भ्रष्टाचार की परतों को खुलने के बाद अब हर कोई भ्रष्टाचार की राह चलते नजऱ आ रहे है।
जंहा एक औऱ उच्चतम भ्रष्टाचार को उच्चतम लोग कवर करने में मस्त है तो वही दूसरी तरफ़ छोटे लेबल पर भ्रष्टाचार खुले आम होने लगा।
मुख्य अभियंता वाराणासी क्षेत्र-द्वितीय के पूर्व ड्राइवर(संविदा) के द्वारा आम लोगों से रिश्वत लेकर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगने में लगा है।
आज रिश्वत लेकर नौकरी दिलाने के एक मामले में पीड़ित मुख्य अभियंता कार्यालय पहुँच तो सारे मामले से पर्दा उठा।
पीड़ित के द्वार बुलाये/सूचना दिये जाने के बाद चितईपुर थाने की पुलिस ने भिखारीपुर स्थित हाईडिल कॉलोनी में मुख्य अभियंता के कार्यालय पहुंची। पुलिस ने मौके से ठगी करने वाले की बाइक को जब्त कर पूरा विवरण मुख्य गेट पर रखे सरकारी रजिस्टर में दर्ज कराया है।
पुलिस ने बताया कि खोजवां निवासी राजेश शर्मा और उनके साथी से एक मुख्य अभियंता के पूर्व चालक ने मुख्य अभियंता कार्यालय में संविदा पर नौकरी दिलाने के नाम पर 60 हजार रुपये लिए थे। नौकरी न लगवाने पर पीड़ित द्वारा कई दिनों से पूर्व चालक की तलाश कर रहे थे। दोपहर में पता चला कि चालक मुख्य अभियंता कार्यालय में मौजूद है। इस पर राजेश और उसका साथी कार्यालय पहुंचा। पीड़ितों को देखकर पूर्व चालक बाइक से भागने का प्रयास किया। लेकिन वह इसमें असफल रहा। बिना बाइक के लिए वह फरार हो गया। इसके बाद दोनों ने मौके से ही चितईपुर थाने की पुलिस को सूचना दी।
उल्लेखनीय है कि मुख्य अभियंता के पूर्व ड्राइवर इससे पहले अधीक्षण अभियंता, जानपद वाराणासी की गाड़ी चलता था जिसकी वजह से विभाग में उसका आन-जाना बे-रोकटोक होता है। इससे पहले भी उसने किसी अन्य से नौकर के नाम पर लाखों लेकर हड़प चुका है उस मामले में भी पीड़ितों द्वारा मुख्य अभियंता कार्यालय में उसको पकड़ कर पुलिस को सौप था।
पूर्वान्चल निगम मुख्यालय में पिछले 3-4 वर्षों में नौकरी के नाम पर ठगी के कई मामले प्रकाश में आ चुके है मजे की बाद ये है कि पूर्वान्चल के अधिकारी इससे पल्ला झाड़ते रहे औऱ ठग चिन्ह्ति होने के बाद भी कार्यालय में चहलकदमी करते रहे।