हाय हाय पश्चिमाचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, लो भ्रष्टाचारी आ गये भ्रष्टाचारियो को बचाने
लखनऊ 16 सितंबर राज्य विद्युत परिषद अभियन्ता संघ के भ्रष्टाचारी अध्यक्ष और महा भ्रष्टाचारी महासचिव की अगुवाई मे फिर से प्रबन्धन के खिलाफ मोर्चा खोला है वो भी भ्रष्टाचारियो के तबादले के विरोध मे साथ ही तीन दिन का समय भी दिया है स्थानांतरण वापिस लेने के लिए। वैसे राज्य मुख्यालय से लगगभग 600 किलोमीटर दूर पश्चिमाचल विद्युत वितरण निगम हमेशा सुर्खियो मे आने से बचता रहता है प्रदेश की सबसे मलाईदार पोस्टिग अगर कही है तो पश्चिमाचल मे प्रदेश के अधिकतर बडे उद्योग इसी क्षेत्र मे है और देश की राजधानी से सटे होने के कारण यहाँके विकास के लिए प्रदेश सरकार यहा पर ज्यादा ध्यन देती है जितना विकास उतना भ्रष्टाचार यह तो आम बात है अगर आपको प्रमाण चाहिए तो यहाँ पर तैनात सभी अभियन्ताओ वा टेण्डर बाबूओ की सम्पत्ति की जांच करा ली जाए पाठको के समक्ष एक छोटा सा उदाहरण रखा जाऐ महासचिव महोदय का जिनकी नौकरी अभी मात्र 6 साल की है और उनके पास लाखो की सम्पति है और उनकी जाच भी चल रही है यहाँ पर मुख्य अभियन्ता पद पर रहे चर्चित अभियन्ता महोदय जो कि वर्तमान मे निदेशक बन पश्चिमाचल डिस्कॉम मे राज कर रहे है सूत्र बताते है कि यहाँ के अभियन्ता उन्ही के इशारे पर काम कर रहे है पिछली बार कार्य बहिष्कार के वक्त एक अभियन्ता उन्ही का नाम ले कर सबको धमका रहे थे कि अगर कार्य बहिष्कार मे शामिल नही हुए तो बाद मे देख लेगे आखिरकार ACR तो उन्ही को लिखनी है और आज जब उनके भ्रष्टाचार का काकस टूटता है तो *फिर वही अभियन्ताओ का एक खास वर्ग स्थानांतरण के विरोध मे सामने आ कर पूरे प्रबन्धन के सामने ताल ठोकता है अब देखना है कि उस संरक्षक का कुछ होता है या नही प्रबन्धन घुटने टेकता है* या वह निदेशक अपने षड्यंत्र मे कामयाब होता है । खैर
युद्ध अभी शेष है